बर्फ की चादर तले ढंकी कश्मीर घाटी
सर्दियों में कश्मीर घाटी में जब बर्फ पड़ती है, तो नजारा बेहद खूबसूरत होता है. लेकिन यह खूबसूरती अपने साथ कई परेशानियां भी ले कर आती है.
माइनस 8.7 डिग्री
पूरी कश्मीर वादी बर्फ की चादर में लिपटी हुई है. श्रीनगर में रात का तापमान माइनस 8.7 डिग्री तक पहुंच गया है.
सबसे बुरा दौर
यह सर्दी का सबसे बुरा दौर है. इसे चिलिकलन कहा जाता है. यह 21 दिसंबर से शुरू होता है और 45 दिन तक रहता है.
चार दिन तक
इस बार बर्फबारी देर से शुरू हुई. 2 जनवरी को इसकी शुरुआत हुई और चार दिन तक लगातार बर्फ गिरती रही.
यातायात पर असर
इतनी बर्फ के कारण यातायात पर भी असर पड़ा और लोगों को जरूरत की चीजें मिलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा.
दुनिया से कटी
हवाई और रेल यात्रा दोनों के ही बंद रहने से कश्मीर घाटी देश और दुनिया से जैसे कट ही गई थी.
दफ्तर बंद
इतने दिन बीत जाने के बाद भी कई गांवों में सरकारी दफ्तर बंद पड़े हैं क्योंकि वहां सड़क साफ करने का काम पूरा नहीं हो पाया है.
मशीनों की कमी
सड़क से बर्फ हटाने वाली मशीनों की कमी के चलते मुश्किलें और बढ़ी हैं.
दक्षिणी कश्मीर
खास कर दक्षिणी कश्मीर पर काफी असर पड़ा है जहां सबसे ज्यादा बर्फबारी दर्ज की गई है.
पांच से छह फीट तक
कई इलाकों में लगातार बर्फबारी के बाद पांच से छह फीट तक की बर्फ जमा हो गई है.
कांगड़ी का इस्तेमाल
ऐसे सर्द मौसम में लोग घरों में कांगड़ी नाम के पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं जिनमें कोयला जलता रहता है.
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