बम धमकियों को लेकर नव-नाजियों पर संदेह
१४ मार्च २०१९जर्मनी के अखबार ज्युडडॉयच त्साइटुंग और सरकारी चैनल ने बम धमकियों से जुड़े इस मामले पर एक रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के कई बड़े नेताओं को 2018 के बाद से अब तक करीब 100 से भी ज्यादा धमकी भरे ईमेल भेजे गए हैं. ये मेल नेशनल सोशलिस्ट ऑफेन्सिव, "एनएसयू 2.0" जिसे नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड भी कहा जा रहा है, उसके पते से भेजे गए हैं.
हाल में जर्मनी के उत्तरी शहर ल्युबेक में एक ट्रेन स्टेशन और पश्चिमी शहर गेल्सनकिर्षेन के फाइनेंस ऑफिस में बम होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद इसे खाली कराया लेकिन वहीं कोई बम नहीं मिला.
लोगों को "मारने की धमकी"
जांचकर्ता, लिखने की शैली और टारगेट में दिखने वाली समानता के चलते मान रहे हैं कि है अज्ञात धमकी भरे ईमेल और बम की ऐसी सूचनाओं के बीच कोई संबंध हैं. हालांकि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि इन धमकियों को भेजने वाला कोई अकेला व्यक्ति है या कोई समूह. जर्मन सांसद मार्टिना रेनर को ईमेल भेजने वाले ने स्वयं को इन बम धमकियों के पीछे बताया था. ईमेल में बैंकों, रेलवे स्टेशनों और जर्मनी के सरकारी दफ्तरों को बम से उड़ाने की बात कही गई है. कुछ धमकियों में लोगों को लेटर बम भेजने से लेकर सड़कों पर राइफल, पिस्टल और अन्य जैविक हथियारों से मारने जैसी बातें भी हैं.
ये ईमेल नेताओं, पत्रकारों, वकीलों और जर्मन यहूदियों की संस्था सेंट्रल काउंसिल ऑफ ज्यूज, सरकारी दफ्तरों और सिंगर हेलेना फिशर जैसी हस्तियों को भी भेजे गए हैं. ईमेल उन लोगों को खास तौर पर मिल रहे हैं जिन्होंने 2018 में केमनित्स में आप्रवासियों के खिलाफ हुए प्रदर्शन को लेकर आवाज उठाई थी.
जांचकर्ताओं के मुताबिक अब तक कहीं भी कोई बम नहीं मिला है. पिछले साल फ्रैंकफर्ट में रहने वाले तुर्किश मूल की एक वकील सेदा बासी यिलदिज को एनएसयू 2.0 की ओर से एक फैक्स भेजा गया था. इस फैक्स में उनकी दो साल की बेटी को जान से मारने की धमकी दी गई. नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड जर्मनी में घोर दक्षिणपंथियों का एक समूह था. इस समूह को साल 2000 से 2007 के बीच आठ तुर्किश लोगों को जान से मारने का दोषी पाया गया था. सेदा उस हमले में मारे गए एक तुर्किश व्यक्ति के परिवार से आती हैं.