डिलिवरी के दौरान भी जेलों में बंधी रहती हैं महिलाएं
१३ मार्च २०१९तस्वीर में नजर आ रही इस महिला का नाम है मिशेल अलदाना. मिशेल ने साल 2001 में अमेरिकी राज्य उटा की एक जेल के बिस्तर पर अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था. बस बच्चे को पैदा करने का दर्द उन्हें अन्य किसी मां की तुलना में कुछ ज्यादा ही महसूस हुआ, क्योंकि डिलिवरी के वक्त उनका शरीर बंधा हुआ था. वह दिन, जब वे 30 घंटे तक दर्द से कराहती रहीं, उनके पैर जंजीरों से बंधे रहे, रगड़ के कारण एड़ियों से लगातार खून बहता रहा - ये सब मिशेल आज भी नहीं भूली हैं. उस वक्त वो ड्रग्स के मामले में सजा काट रही थीं. मिशेल कहती हैं, "मुझे खेतों में बांधे गए किसी जानवर की तरह महसूस हो रहा था."
डिलिवरी के वक्त महिला कैदियों को जंजीरों में रखना अमेरिका में पहले बहुत आम बात हुआ करती थी. हालांकि समय के साथ महिलाओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू किया, जिसके बाद कानून में कई तरह के संशोधन भी किए गए. पिछले दो दशकों में अमेरिका के 22 राज्यों ने इस पर रोक लगा दी है. वहीं उटा जैसे अन्य तीन राज्यों में इसी साल इस तरीके पर रोक लगने की उम्मीद है. हाल ही में अमेरिकी सरकार ने भी आपराधिक न्याय सुधार में संशोधन करते हुए इस तरीके पर प्रतिबंध लगाया था.
वहीं कई राज्यों में अपराधियों को बांधे रखने के खिलाफ नीतियां हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि कानूनों के बिना इसे पूरी तरह रोकना आसान नहीं हैं.
अमेरिकी जेलों में महिलाओं की तादाद भी लगातार बढ़ रही है. अमेरिकन सिटी लिबर्टीज यूनियन के अनुमान के मुताबिक हर साल अमेरिकी जेलों में करीब 12 हजार गर्भवती महिला कैदियों को डाला जाता है. उटा में नियम-कानून बदलने की मुहिम से जुड़ी डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता स्टेफनी पिचर कहती हैं, "मेरे लिए यह गरिमा से जुड़ा मुद्दा है. प्रसव के दौरान एक महिला गरिमा की पूरी हकदार है."
उटा राज्य की जेलों ने अपनी औपचारिक नीतियों के तहत इस प्रथा को साल 2015 से ही प्रतिबंधित कर रखा है, लेकिन पिचर काफी कुछ बातें जेलों में आने-जाने वाले डॉक्टरों से सुनती रहती हैं. हाल के सालों में पिचर को डॉक्टरों से पता चला कि कैसे अब भी जेलों में बंद महिलाओं को डिलिवरी के दौरान भी बांध कर ही रखा जाता है. इस प्रक्रिया को रोकने वाला पिचर का बिल अभी सीनेट के पास है.
नेशनल प्रिजन प्रोजेक्ट की डिप्टी डायरेक्टर एमी फेटिग कहती हैं कि इलाज या किसी भी उपचार के दौरान सुरक्षा कारणों के चलते कैदियों को बांध कर रखने का प्रावधान ही महिलाओं के साथ किए जाने वाले इस व्यवहार का कारण है. लेकिन एमी का मानना है कि बच्चे का जन्म इससे अलग है. किसी भी महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान बांध कर रखना मां और बच्चे दोनों के जीवन के लिए खतरा हो सकता है.
एमी कहती हैं कि प्रसव के दर्द में हालत ऐसी नहीं होती कि कोई भी महिला कैदी उस दौरान भाग सके और ऐसा कोई मामला पहले कभी सामने भी नहीं आया है. वहीं कुछ लोग सुरक्षा कारणों के चलते चिंता जताते हैं. उटा के रिपब्लिकन प्रतिनिधि एरिक हटचिंस कहते हैं कि राज्य की जेलों में कई हिंसक मामले सामने आते हैं और अस्पतालों में कम सुरक्षा है.
उन्होंने ऐसे बिल का समर्थन किया है जो आने-जाने (ट्रांसपोर्ट) के दौरान कैदियों को कम बांधने का समर्थन करता है. वहीं जेल अधिकारी भी इसका समर्थन करते हैं.
इस विषय पर पीएचडी पर रही जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की छात्रा लॉरेन किंग बताती हैं कि अमेरिका के जिन राज्यों में इस पर कानून नहीं है, वहां कैदियों को बांधने को लेकर कुछ नीतियां बनाई गईं हैं. लेकिन कानून ना होने की वजह से नीतियों को लागू कर पाना आसान नहीं है.
उटा की जेल में अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली मिशेल का प्रसव पीड़ा के दौरान कूल्हा टूट गया था. हालांकि आज वह ठीक हैं और अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने वाली हैं लेकिन अब भी वह अपने वो दिन याद कर घबराहट और चिंता महसूस करने लगती है. मिशेल कहती हैं, "जब कोई महिला कमजोर है, तकलीफ में है तो मैं नहीं मानती कि उसके साथ ऐसा व्यवहार होना चाहिए. ये पूरी तरह से गलत है."
एए/आरपी (एपी)