सिंगापुर के बाद हैमिल्टन टॉप पर
२२ सितम्बर २०१४सिंगापुर रेस से पहले हैमिल्टन अपने साथी निको रोसबर्ग से बस 22 अंक ही पीछे थे. लेकिन क्वालिफिकेशन में मर्सिडीज के हैमिल्टन को पोल पोजिशन मिली और वह रेस में रोसबर्ग से आगे हो गए.
रोसबर्ग की मुश्किल उस समय शुरू हुई जब उन्हें समझ में आया कि उनका स्टीयरिंग व्हील काम नहीं कर रहा. मैकेनिक उनकी इस मुश्किल को हल नहीं कर पाए और हैमिल्टन के लिए जीत का रास्ता एकदम साफ हो गया. सीजन में सातवीं जीत के बाद हैमिल्टन ने कहा, "क्वालिफाइंग के दौरान सभी बहुत कम अंतर पर थे. इसलिए मैं नहीं जानता था कि रेस में क्या होगा लेकिन मैं एकदम आराम से निकल गया."
हैमिल्टन सातवें लैप तक आराम से पहुंच गए लेकिन इसके बाद सेफ्टी कार के कारण उनकी और उनके पीछे के तीन कारों की नीति बदलनी पड़ी. सभी पहले लगाए गए टायरों के साथ ही फिनिश लाइन तक पहुंचना चाहते थे. ब्रिटिश ड्राइवर हैमिल्टन को दोनों तरह के टायर अभी इस्तेमाल करने थे, हर रेस के लिए यह अनिवार्य है. इसलिए उन्हें गाड़ी बहुत तेज चलानी पड़ी ताकि बाकी कारों से वह अंतर बना सकें.
52 लैप के बाद गाड़ी कसवा कर जब हैमिल्टन निकले तो वह फेटल के बिलकुल पीछे थे और उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वह सॉफ्ट टायरों की मदद से एक बार फिर सिंगापुर में जीत जाएंगे. उन्होंने कहा, "किस्मत से हम वहां पहुंच गए जहां मुझे जाना जरूरी था और गाड़ी कसवाई. मैं बाहर आया और देखा कि सेबास्टियान आगे जा रहा है. लेकिन मैं जानता था कि वह दो बार रुकने की नीति अपना रहा है और मुझे अच्छी गति मिल जाएगी. इसलिए मैं पहले लैप में कूल रहा. जहां मैं उससे आगे गया, वहां अंतर बहुत ही कम था. शायद मुझे उसे कहीं और ओवरटेक करना था. लेकिन कोई मुश्किल नहीं हुई और मैं आगे चला गया. टीम के साथियों ने बढ़िया काम किया और फैक्ट्री के साथियों ने भी. कार रेस के दौरान एकदम बढ़िया चली."
एएम/एमजे (एएफपी)