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इस्राएली वोटर कर रहे हैं नेतन्याहू के भविष्य का फैसला

१७ सितम्बर २०१९

पांच महीने में ही दूसरी बार इस्राएल में चुनाव हो रहे हैं. इससे तय होना है कि प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू पद पर बने रहेंगे या भ्रष्टाचार और धार्मिक कट्टरवाद के आरोप उनके लंबे राजनीतिक करियर का अंत लिखेंगे.

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Israel | Parlamentswahlen 2019 | Wahllokal
तस्वीर: Reuters/C. Kern

मंगलवार सुबह स्थानीय समयानुसार सात बजे वोटिंग शुरु हुई. रात 10 बजे तक ज्यादातर जगह मतदान पूरा हो जाएगा. यरुशलम के एक पोलिंग स्टेशन पर वोट देने पहुंचे कुछ मतदाताओं से बातचीत में कुछ ने अपने वोट से नेतन्याहू का करियर खत्म होने की दुआ की. 37 साल के स्कूल टीचर ग्रुनी टजीविन ने कहा, "मुझे लगता है कि बीबी (नेतन्याहू) को अब चले जाना चाहिए." उन्होंने अपनी इच्छा का कारण बताते हुए कहा, "इतने सालों बाद अब बदलाव आना चाहिए."

SESAME (Synchrotron-Licht für experimentelle Wissenschaft und Anwendungen im Nahen Osten)
तस्वीर: DW/Z. Abbany

69 साल के दक्षिणपंथी विचारधारा वाले नेतन्याहू के लिए इन चुनावों में बहुत कुछ दांव पर लगा है. अप्रैल में हुए चुनाव में उनकी पार्टी को पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांज के नेतृत्व वाली मध्यमार्गी ब्लू एंड वाइट गठबंधन से कड़ी चुनौती मिली थी. पू्र्व रक्षा मंत्री और नेतन्याहू के करीबी सहयोगी रह चुके अविग्दोर लीबरमान उनके प्रमुख विरोधी बन चुके हैं. अब वे ऐसे किंगमेकर की भूमिका में दिख रहे हैं, जिसका "इस्राएल को फिर से सामान्य बनाने का" नारा है.

इस्राएल के 64 लाख मतदाता चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं. पहला एग्जिट पोल मतदान खत्म होते ही जारी होगा और अंतिम नतीजा बुधवार को सामने आएगा. अब तक जारी हुए जनमत सर्वेक्षणों में मुकाबला कांटे का बताया गया. नेतन्याहू की लिकुद पार्टी और को ब्लू एंड व्हाइट दोनों को 32 के आसपास सीटें मिलने का अनुमान है. संसद में कुल 120 सीटें हैं. नेतन्याहू और गांज मतदान शुरु होने से एक रात पहले यरुशलम की पश्चिमी दीवार पर गए. इस पवित्र स्थल पर यहूदियों को प्रार्थना करने की अनुमति है.

Israel Wahl 2019 | Poster Netanjahu
तस्वीर: Reuters/A. Awad

पिछले 13 साल से देश के प्रधानमंत्री पद पर बने हुए नेतन्याहू अगर फिर जीते तो संसद में ऐसा प्रस्ताव पास करवा सकते हैं जिससे उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में सजा ना दी जा सके. अपने मतदाताओं को रिझाने के लिए उन्होंने जॉर्डन घाटी को अलग करने का विवादित वादा भी किया है. ऑक्युपाइड वेस्ट बैंक का करीब एक तिहाई हिस्सा जॉर्डन घाटी में पड़ता है. विरोधियों का आरोप है कि नेतन्याहू इस्राएल की सेकुलर आबादी पर यहूदी धार्मिक कानून थोपना चाहते हैं. 

आरपी/एनआर (एएफपी)

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