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फरारी पर एक लाख डॉलर का जुर्माना

अनवर जे अशरफ (संपादनः वी कुमार)२६ जुलाई २०१०

फॉर्मूला वन की सबसे ग्लैमरस टीम ने जर्मन ग्रां प्री में जो कारनामा किया, उसकी वजह से उस पर एक लाख डॉलर यानी लगभग 50 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है. टीम ने अपने एक ड्राइवर को आदेश दिया कि वह दूसरे को जीतने दे.

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फंस गई फरारीतस्वीर: AP

फर्राटा रेस में लाल रंग की चमचमाती फरारी भले ही सबसे ज्यादा लुभाने वाली कार हो पर सबसे विवादित भी है. आठ साल पहले इसी फरारी ने अपने ड्राइवर रुबेन्स बैरिकेलो को आदेश दिया कि वह जर्मन ड्राइवर माइकल शूमाकर के लिए अपनी जीत त्याग दे. जर्मन ग्रां प्री में भी ऐसा ही हुआ, जब फिलिपे मासा को आदेश मिला कि वह ओलोन्जो के लिए धीमे पड़ जाएं. यह अजीब इत्तेफाक है कि टीम भी फरारी की ही है और ड्राइवर भी ब्राजील का. बैरिकेलो और मासा ब्राजीली ड्राइवर हैं.

लाल रंग की जीत हो गई. बिना तालियों की गड़गड़ाहट के अलोंसो पोडियम पर सबसे ऊंचे चढ़ गए. पर जब उन्होंने अपने साथी को वहां बुलाना चाहा, तो मासा खिंच गए. नाराजगी जायज है. हादसे का शिकार होने के बाद ट्रैक पर लौटे मासा को पूरा एक साल हुआ है और वह इसका जश्न जीत के साथ मना सकते थे, लेकिन टीम फरारी ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. हालांकि फिर भी मासा कहते हैं कि पिछड़ने का फैसला उन्होंने खुद किया.

Formel 1 Grand Prix in Silverstone Michael Schumacher Flash-Galerie
तस्वीर: AP

करोड़ों करोड़ रुपये में तैयार की गई फॉर्मूला वन की टीम के सामने बेहतरीन प्रदर्शन का दबाव रहता है. माइकल शूमाकर फरारी के लिए सात बार चैंपियन बने लेकिन अब वह मर्सीडीज के साथ हैं. दिलचस्प है कि दूसरी टीम के साथ वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. उनकी विदाई के बाद से फरारी का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा है और इस सीजन में यह पहला मौका है, जब टीम के दोनों ड्राइवरों ने पहला और दूसरा स्थान हासिल किया. पर अंकों के लिहाज से मासा के मुकाबले अलोंसो बहुत आगे चल रहे हैं. अलोंसो के 123 अंक हैं, मासा के सिर्फ 85. पहले नंबर पर 157 अंकों के साथ ब्रिटेन के लुइस हेमिलटन हैं. फरारी को पता है कि बाकी बची आठ रेसों में अलोंसो ही टक्कर देकर पहले नंबर तक पहुंच सकते हैं, मासा नहीं. लिहाजा उनका यह रेस जीतना जरूरी था. भारी भरकम रकम लगाने वाली टीमें अगर चैंपियन बनने का ख्वाब देखें, तो उनके नजरिए से यह बात सही हो सकती है.

लेकिन सबसे बड़ी बात तो खेल भावना की है. फॉर्मूला वन भी एक खेल है और किसी खिलाड़ी से अगर कह दिया जाए कि वह हार जाए, तो क्या यह मैच फिक्सिंग नहीं? फरारी ऐसा करती आई है. 2002 में उस वक्त के चैंपियन शूमाकर को ऑस्ट्रेलियन ग्रां प्री में जिताने के लिए फरारी ने बैरिकेलो को ऐसा ही आदेश दिया. उसके बाद फॉर्मूला वन में नियम बना कि किसी ड्राइवर से रेस का नतीजा तय करने को नहीं कहा जाएगा.

इस बार फरारी ने सीधे शब्दों की जगह कोड वर्ड का सहारा लिया. रेडियो पर इशारों में मासा से कहा गया कि तुम्हें तो पता है कि ओलोन्जो तुमसे तेज चला रहा है. इसके बाद मासा धीमे हुए, तो टीम ने संदेश दिया कि सॉरी, लेकिन बहुत अच्छा. मासा दूसरे नंबर पर रह गए और अलोंसो की बेईमानी भरी जीत हो गई.

नियम तोड़ने पर फरारी पर फाइन लगा. एक लाख डॉलर के जुर्माने के अलावा उसे अब अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबील फेडरेशन के सामने पेशी भी देनी है. वहां उस पर कुछ और पेनल्टी लग सकती है. लेकिन सच्चाई तो यह है कि टीम फरारी के लिए एक लाख डॉलर कुछ मायने नहीं रखते और सच यह भी है कि गोलमाल करने के बाद भी उनका ड्राइवर रेस जीत चुका है. तो क्या आज का खेल भी जंग बन गया है, जहां सब कुछ जायज होता है?

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