प्लास्टिक की इन 10 चीजों पर लगेगी रोक
यूरोपीय संसद में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने को ले कर सहमति बन गई है. उम्मीद है कि 2021 तक यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में यह रोक लागू की जा सकेगी.
बोतलें
एक ही बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से बनने वाली चीजों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती हैं बोतलें. इन पर रोक लगेगी और ईयू के सभी 28 सदस्य देशों को 2025 तक 90 फीसदी बोतलें जमा करनी होंगी.
सिगरेट बट
दूसरे नंबर पर हैं सिगरेट के बट. सिर्फ एक बट 500 से ले कर 1,000 लीटर तक पानी को दूषित कर सकता है. सिगरेट के फिल्टर को आने वाले सालों में प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा ताकि यह जल्द ही विघटित हो सके.
ईयर बड्स
तीसरा नंबर है कान साफ करने के लिए इस्तेमाल होने वाले कॉटन बड्स का. इनकी स्टिक प्लास्टिक से बनी होती है और ये इतनी हल्की होती है कि हवा के साथ उड़ कर नदी और समुद्र में पहुंच जाती है.
पैकेट और रैपर
टॉफी, चॉकलेट, बिस्किट, चिप्स ये सब प्लास्टिक के पैकेट में ही पैक किए जाते हैं. माना जाता है कि अगर इसे ना बदला गया तो साल 2050 तक समुद्र में मछलियां से ज्यादा प्लास्टिक ज्यादा होगा.
सैनिटरी पैड
इन पर रोक नहीं लग रही है, बल्कि इनकी बनावट में बदलाव किए जा रहे हैं. सैनिटरी पैड्स की ही तरह बच्चों के डायपर में भारी मात्रा में प्लास्टिक होता है. इसी के साथ वेट वाइप्स की बनावट में भी बदलाव किए जाएंगे.
थैले
पन्नियों के इस्तेमाल पर दुनिया के कई देश रोक लगा रहे हैं. भारत में भी इस दिशा में कदम उठाए जाते रहे हैं. बाजार से फल सब्जी लाने के लिए प्लास्टिक के थैलों की जगह कागज और कपड़े के थैले लेंगे.
छूरी चम्मच
प्लास्टिक से बने चम्मच, छूरी, कांटे, स्ट्रॉ और चाय-कॉफी को मिलाने वाले स्टरर भी इस बैन में शामिल हैं. इनकी जगह लकड़ी के छूरी-चम्मच का इस्तेमाल शुरू हो चुका है.
कॉफी के कप
दौड़ भाग वाली जिंदगी में फुर्सत से बैठ कर कॉफी पीने का वक्त कहां है. कॉफी के टेक अवे कप जितने लोकप्रिय हैं, पर्यावरण के लिए उतने ही बुरे भी. जल्द ही ये कल की बात हो जाएंगे.
गुब्बारे
प्लास्टिक वाले गुब्बारों का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में बहुत बढ़ गया है. साथ ही इनके नीचे लगने वाली स्ट्रॉ जैसी डंडी भी सिंगल यूज प्लास्टिक ही होती है. 2021 के बाद से ये बाजार में नजर नहीं आएंगे.
पैकिंग वाले डब्बे
रेस्तरां से खाना पैक कराना हो, तो प्लास्टिक को ही सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा. पिछले 15 सालों से यूरोप में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने की कोशिश चल रही है लेकिन प्लास्टिक पर निर्भरता बढ़ती ही जा रही है.
मछली का जाल
सिंगल यूज प्लास्टिक वाली इन दस चीजों के अलावा मछली के जाल को भी प्लास्टिक से बनाने पर रोक लगेगी. हर साल लगभग सात लाख टन प्लास्टिक इन जालों के रूप में समुद्र में छोड़ दिया जाता है.