प्रांतीय चुनाव ने खड़ी की मैर्केल के लिए मुश्किलें
१० मई २०१०प्रांतीय चुनाव के नतीज़े कई तरह के गठबंधन की संभावना देते हैं. सीडीयू और एसपीडी को 181 सीटों वाली विधान सभा में 67-67 सीटें मिली हैं. ग्रीन पार्टी को 23, एफ़डीपी को 13 और वामपंथी डी लिंके को 11. मुख्यमंत्री युरगेन रुइटगर्स हर हालत में अपनी सरकार को सत्ता में देखना चाहते हैं, लेकिन एसपीडी की हन्नेलोरे क्राफ़्ट गठबंधन में जूनियर पार्टनर बनने के लिए तैयार नहीं. दूसरी ओर संसदीय चुनावों के बाद जिस तरह अंगेला मैर्केल ने एसपीडी को साझा सरकार से बाहर निकाला था, बहुत से सोशल डेमोक्रैट नेता साझा सरकार बनाकर मैर्केल को राहत की सांस नहीं लेने देंगे.
सीडीयू के लिए नॉर्थराइन वेस्टफ़ेलिया की सत्ता बहुत महत्वपूर्ण थी. इस प्रांत में सत्ता की बदौलत संसद के ऊपरी सदन बुंडेसराट में उसका बहुमत बना हुआ था. ग्रीस के लिए वित्तीय रक्षा पैकेज हो, चिकित्सा बीमा सुधारों की या परमाणु बिजली घरों को बंद करने की बात, सीडीयू और एसपीडी में गहरे मतभेद हैं. नॉर्थराइन वेस्टफ़ेलिया में सत्ता में आकर एसपीडी सीडीयू को राष्ट्रीय स्तर पर समझौतों के लिए मज़बूर कर सकती है.
लेकिन दिक़्क़त यह है कि एसपीडी को अपने स्वाभाविक सहयोगी ग्रीन पार्टी के साथ बहुमत नहीं मिला है. बहुमत के लिए उसे इसके अलावा एफ़डीपी या डी लिंके का सहारा चाहिए. एफ़डीपी ने एसपीडी और ग्रीन के साथ सरकार में जाने से मना कर दिया है जबकि एसपीडी में डी लिंके के साथ सरकार बनाने पर गहरे मतभेद हैं. हेस्से प्रांत में सरकार बनाने के लिए उसे अपनी ही पार्टी के कुछ विधायकों का समर्थन नहीं मिला था.
ग्रीन पार्टी के पास भी विकल्प सिर्फ़ एसपीडी के साथ जाने का नहीं है. इस बीच वह ज़ारलैंड और हैम्बर्ग में सीडीयू के साथ सरकार में है और नॉर्थराइन वेस्टफ़ेलिया में उसके लिए यह विकल्प है, लेकिन एफ़डीपी को भी नाव पर लेने के बाद. सबसे अंतिम विकल्प सीडीयू और एसपीडी का महागठबंधन है, जिसके लिए सीडीयू तो तैयार है लेकिन उस पर विचार करने से पहले एसपीडी लगभग गोद में पहुंचे सत्ता का विकल्प आजमाना चाहती है.
नॉर्थराइन वेस्टफ़ेलिया में जो भी सरकार बने अंगेला मैर्केल के लिए शासन करना मुस्किल हो गया है. इन चुनावों का असर राष्ट्रीय नीतियों पर भी पड़ेगा. ख़ासकर वित्तीय मुश्कलों को देखते हुए अंगेला मैर्केल के लिए राजनीतिक कुशलता दिखाने की चुनौती होगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य