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खतरनाक हैं दो स्ट्रोक स्कूटर

२१ मई २०१४

दो स्ट्रोक इंजन वाले स्कूटर सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने का काम करते हैं. बैंकॉक और अन्य दूसरे प्रदूषित शहरों में नागरिक और पर्यटक इस बात को पहले से ही जानते थे. अब इसकी पुष्टि हो गई है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

एक नए शोध के अनुसार जिन शहरों में दो स्ट्रोक वाले स्कूटर पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया गया, वहां हवा की गुणवत्ता में सुधार आया. चीन के कुछ शहरों में ऐसा देखने को मिल चुका है. शोध के मुताबिक दुनिया के और कई शहरों में भी ऐसा हो सकता है, जहां स्मॉग का खतरा बरकार है. गाड़ियों की एग्जास्ट पाइप से निकलने वाला धुआं वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (वीओसी) का मिश्रण है, जिस वजह से स्मॉग बनता है. दुनिया भर में पैसेंजर कारों और ट्रकों के लिए नियम काफी कड़े हैं. लेकिन दो स्ट्रोक वाले स्कूटरों के लिए ऐसा नहीं है. ऐसा अनुमान हैं कि 2020 तक यूरोप में दो स्ट्रोक वाले स्कूटर सभी गाड़ियों से ज्यादा वीओसी छोड़ेंगे.

नेचर कम्युनिकेशंस में छपे शोध के मुताबिक आंद्रे प्रिवोट और उनके साथियों ने यूरोपीय दो स्ट्रोक वाले स्कूटर से निकलने वाले धुएं का रासायनिक विश्लेषण किया और पाया कि दो स्ट्रोक वाले स्कूटर अन्य गाड़ियों के मुकाबले औसतन 124 गुणा ज्यादा वीओसी पैदा करते हैं. उनका अनुमान है कि दो स्ट्रोक इंजन वाली गाड़ियां कम प्रधिनित्तव करने के बावजूद बैंकॉक जैसे शहरों में 60 से 90 ऑर्गेनिक ऐरोसॉल के लिए जिम्मेदार होंगी. बैंकॉक में स्कूटरों की संख्या बहुत अधिक है. 1990 के आखिर में चीन ने कई बड़े शहरों में स्कूटर पर रोक लगा दी जिस कारण इनसे होने वाले प्रदूषण में काफी कमी आई.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) लंबे समय से चेतावनी देता आया है कि सूक्ष्म पर्टिकुलेट कण, ओजोन, नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड लोगों की सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं. पिछले सालों में डब्ल्यूएचओ ने बार बार कहा है कि इन हानिकारक पदार्थों के लिए एक सीमा तय करनी चाहिए नहीं तो बड़े शहरों में रहने वाले लोगों को बहुत नुकसान पहुंचेगा.

जब पिछले दिनों पेरिस में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया तो सरकार ने तीन दिनों के लिए निजी कारों पर रोक लगा दी. प्रदूषण के स्तर को घटाने के लिए सार्वजनिक वाहन मुफ्त कर दिए गए. कई देशों में सार्वजनिक वाहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कदमों की जरूरत है ताकि लोग साफ हवा में सांस ले सके.

एए/आईबी (डीपीए)