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तुर्की ने अमेरिका को एयरबेस बंद करने की धमकी दी

१६ दिसम्बर २०१९

रूस से मिसाइल खरीदने से नाराज अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है. जिसका तुर्की ने कड़ा जवाब दिया है.

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Türkei Kommunalwahlen Recep Tayip Erdogan Rede in Istanbul
तस्वीर: DHA/C. Erok

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने तुर्की के समाचार चैनल हैबार से कहा, "अमेरिका की ओर से अगर प्रतिबंध लगाने की धमकियां दी जाएंगी तो हमको भी इसका जवाब देना पड़ेगा. जरूरत पड़ी तो हम अमेरिका के लिए इनसरलैक और क्यूरेसिक एयरबेस बंद कर देंगे." 

तुर्की के रूस से एस- 400 डिफेंस मिसाइल खरीदने के बाद यह विवाद शुरु हुआ. इसके बाद अमेरिकी सांसद तुर्की पर प्रतिबंध लगाने के लिए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर दबाव बना रहे हैं. इस डील को नाटो और एफ- 35 फाइटर जेट के साथ असंगत बताया गया. रूस और तुर्की की डील अमेरिकी कानून के भी खिलाफ बताई जा रही है. अमेरिका ने एफ- 35 फाइटर जेट के प्रोग्राम से तुर्की को हटा दिया है. 

अमेरिका के लिए तुर्की के हवाई अड्डे  क्यों जरूरी 

तुर्की जिन हवाईअड्डों को अमेरिका के लिए बंद करने की बात कह रहा है, वो अमेरिकी सेना के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं. दक्षिण तुर्की में बने इनसरलैक एयरबेस से ही अमेरिकी सेना ने मिडिल ईस्ट और अफगानिस्तान में कई ऑपरेशन किये हैं. सीरिया और इराक में  इस्लामिक स्टेट पर कार्रवाई के लिए भी इसी एयरबेस का इस्तेमाल किया गया था. अमेरिकी सेना के 50 बी 61 न्यूक्लियर बम भी यहीं पर खड़े हैं.

पूर्वी तुर्की के क्यूरेसिक एयरबेस पर नाटो का रडार स्टेशन है. जिसे अमेरिका के लिए बंद करने की बात तुर्की कर रहा है. एर्दोवान से पहले तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने भी अमेरिका की धमकी के बाद अपने दो एयरबेस बंद करने का मुद्दा उठाया था.

Türkei Kommunalwahlen Recep Tayip Erdogan Rede in Istanbul
तस्वीर: DHA/C. Erok

दरअसल नाटो के दो सदस्यों देशों के बीच खटास तब पैदा हुई जब तुर्की ने उन कुर्द लड़ाकों पर कार्रवाई करनी शुरु कर दी जिन्होंने उत्तर पूर्वी सीरिया में आईएस के आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में अमेरिका की मदद की थी. अमेरिका ने जब अपनी सेना को इस क्षेत्र से वापस बुला लिया तब तुर्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ सीरिया में पेट्रोलिंग करने की डील पर हस्ताक्षर कर दिये.

तुर्की सीरिया के कुर्द लड़ाकों को वाईपीजी का सहयोगी मानता है. वाईपीजी को तुर्की में एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित किया गया है. यह संगठन तुर्की में 35 सालों से अलगाववादी आंदोलन चला रहा है. 

एर्दोवान ने अमेरिकी संसद के उस प्रस्ताव पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है जिसमें तुर्की में पहले विश्व युद्ध के दौरान अर्मेनिया के लोगों की मौत को जनसंहार नाम दिया है. फिलहाल ट्रंप ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. 

एसबी/एनआर(डीपीए)

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