प्यार में दिल पे मार दे गोली
कवि कहता है कि प्यार में दिल पे मार दे गोली, ले ले मेरी जान. कवि को विज्ञान और आधुनिक सिद्धांतों की खासी जानकारी है. कवि को मालूम है कि ऐट्रियल फिबरिलेशन का खतरा बढ़ता है. कैसे, आप भी जानें...
स्ट्रोक का खतरा
बीते दो दशक में ऐट्रियल फिबरिलेशन (एएफ) यानी अनियमित धड़कनों के कारण स्ट्रोक के खतरे बढ़े हैं. अमेरिका में 2010 में 52 लाख अमेरिकी लोग एएफ के शिकार थे. 2030 में यह संख्या बढ़कर सवा करोड़ तक पहुंच सकती है.
अल्कोहल जैसा खतरनाक
दिल का टूटना दिल के लिए उतना ही खतरनाक है जितना अल्कोहल होता है. ओपन हार्ट जर्नल में छपी एक स्टडी में डेनमार्क के शोधकर्ता कहते हैं कि रिश्तों का टूटना एएफ के खतरे वैसे ही बढ़ाता है जैसे अल्कोहल, थकान, बीमारी या कैफीन बढ़ाती है.
पार्टनर के जाने के बाद
1995 से 2014 तक डेनमार्क के अस्पतालों में आए दिल के मरीजों के रिकॉर्ड्स का अध्ययन किया गया तो पता चला कि 80 हजार लोग एएफ का शिकार हुए थे. और पता चला कि अपने पार्टनर की मौत के एक दिन से 30 दिन के बीच एएफ का खतरा 41 फीसदी बढ़ा था. मौत के आठवें से 14वें दिन के बीच तो 90% था.
बुढ़ापे का ब्रेकअप
60 से ऊपर के जिन लोगों के दिल टूटते हैं वे दिल की बीमारियों की जद में सबसे ज्यादा होते हैं. स्टडी के जरिए 60 साल के ऊपर के ऐसे लोगों की धड़कनों पर नजर रखी गई जिनके पार्टनर की मौत अचानक हुई थी. उन पर एएफ का खतरा ज्यादा था.
जापानी बता चुके हैं
1990 के दशक में जापान में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम पर स्टडी हुई थी और तब दिल टूटने के दिल की सेहत पर होने वाले असर के लक्षण सबसे पहले नजर आए थे. बीते 25 साल में कई बार और कई अध्ययनों के जरिए यह बात साबित हुई है.
स्वस्थ लोगों को भी खतरा
अगर आप एकदम स्वस्थ हैं. दिल भी टनाटन है. तब भी आप इस खतरे की जद में हैं. दिल टूटने पर जो धक्का लगता है वह स्वस्थ इन्सान के लिए भी उतना ही खतरनाक है. सीने में दर्द और सांस फूलना इसके मुख्य लक्षण हैं. 2 से 5 फीसदी हार्ट अटैक इसी वजह से होते हैं.
ऐसा क्यों होता है
दिल टूटने से ऐसा क्या होता है कि दिल की बीमारी के खतरे बढ़ जाते हैं, इसकी सीधी-सीधी वजह तो अब तक पता नहीं चल पाई है. लेकिन कुछ बातें सामने आई हैं. मसलन ऐड्रेनालिन जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन्स का ज्यादा मात्रा में बनना हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है.