प्यार की केमिस्ट्री
प्यार करने वालों और दिमागी रूप से असंतुलित लोगों में क्या समानता है? वैज्ञानिकों के मुताबिक उनकी दिमागी हालत काफी मिलती जुलती होती है. यह मजाक नहीं, सच है.
प्यार
किसी को देखकर जब दिल तेजी से धड़कता है, हाथों से पसीना छूटता है, पेट में गुदगुदी होती है. ये प्यार में पड़ने के लक्षण बताए जाते हैं. साइंस के मुताबिक ऐसी हालत के लिए कुछ हार्मोन जिम्मेदार हैं. लेकिन कौन सा हार्मोन किस भावना को प्रेरित करता है?
यौन इच्छा
जब हम प्रेम में होते हैं तो यौन इच्छा भी प्रबल होती है. इसके लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन जिम्मेदार है. डेटिंग कर रहे महिलाओं और पुरुषों दोनों में इस हार्मोन का स्तर बढ़ा हुआ होता है.
नशा
एक दूसरे के प्रति प्रबल आकर्षण के दौरान डोपामीन यानि खुशी के हार्मोन का असर होता है. यही वजह है कि प्रेम में पड़े लोग एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहते हैं.
पागलपन
सेरोटोनिन हार्मोन मूड और भावनाओं के संतुलन के लिए जरूरी है. जब प्रेमियों का सेरोटोनिन स्तर सामान्य से कम होता है तो वे किसी और चीज के बारे में सोचते भी नहीं हैं.
पेट में गुदगुदी
प्रेमी की आहट पर दिल का जोर जोर से धड़कना और घबराहट का एहसास एड्रीनेलिन हार्मोन का काम है. शुरुआत में इसका ज्यादा स्राव होता है. एड्रीनेलिन से भूख घट जाती है और शरीर ज्यादा सतर्क हो जाता है.
वफादारी
शुरुआती 3-4 महीने गुजर जाने के बाद ऑक्सीटोसिन हार्मोन खास भूमिका निभाने लगता है. इस हार्मोन के उच्च स्राव के दौरान दोनों प्रेमियों के संपर्क में रहने पर उनके बीच संबंध प्रगाढ़ होने लगता है. जब मां बच्चे को दूध पिलाती है तब भी उसमें ऑक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ी हुई होती है, जो रिश्ते को और गहरा बनाती है.
गंध का योगदान
लेकिन हम किसी के प्यार में पड़ते ही क्यों हैं? रिसर्चरों के मुताबिक इसमें गंध का बहुत बड़ा हाथ है. हमारे माता पिता से मिलती जुलती गंध वाले लोगों से हम जल्दी प्यार में पड़ते हैं.
फैसले की घड़ी
चेहरा पार्टनर के चुनाव में बड़ी भूमिका निभाता है. महिलाओं को पुरुषों का सुडौल जबड़ा लुभाता है जबकि पुरुष महिलाओं की आंखों और ठोड़ी पर फिदा होते हैं.