पोप फ्रांसिस की घरवापसी
कैथोलिक गिरजा प्रमुख पोप फ्रांसिस ने पद संभालने के बाद पहली बार लैटिन अमेरिका का दौरा किया. इक्वाडोर, बोलिविया और पाराग्वे के आठ दिनों के दौरे पर उन्होंने गरीबी और पिछड़ेपन के खिलाफ आवाज उठाई.
नव उपनिवेशवाद
पोप फ्रांसिस ने बोलिविया के सांता क्रूस में लोकप्रिय आंदोलनों की अंतरराष्ट्रीय बैठक को संबोधित किया. उन्होंने बचत कार्यक्रमों पर जोर देने की नव उपनिवेशवादी नीति की आलोचना की और समाज के निचले तबके से दुनिया की आर्थिक व्यवस्था को बदलने की मांग की.
बदलाव की मांग
पोप फ्रांसिस ने अपने लैटिन अमेरिका दौरे पर बदलाव की मांग की. उन्होंने कहा, "हमें स्वीकार करना चाहिए कि जहां इतने किसान बिना जमीन के हैं, इतने परिवार बिना छत के हैं, इतने कामगार बिना अधिकार के हैं, इतने इंसान जिनके सम्मान का हनन हो रहा है, चीजें ठीक नहीं चल रही हैं.“
भगवान के नाम पर
अपने बोलिविया दौरे पर पोप फ्रांसिस ने अमेरिका के आदिवासियों से उनके साथ हुए अन्यायों के लिए माफी मांगी. पोप ने कहा कि भगवान के नाम पर गंभीर पाप किए गए हैं. पोप के इस बयान का बोलिविया में खासा स्वागत हुआ है जहां के ज्यादातर नागरिक इलाके के मूल निवासियों की संतान हैं.
मार्क्सवादी ईसा?
बोलिविया के वामपंथी राष्ट्रपति इवो मोरालेस ने पोप को जो उपहार दिया उस पर विवाद रहा. हंसिया और हथौड़े वाले उपहार पर ईसा मसीह को हथौड़े पर बने सलीब पर लटकाया हुआ दिखाया गया था. अनुदारवादी ईसाईयों ने मोरालेस पर पोप के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया.
उत्साहित पोप
कैथोलिक गिरजे का प्रमुख बनने के बाद अर्जेंटीना के पोप फ्रांसिस की यह पहली लैटिन अमेरिका यात्रा है. कैथोलिक धर्मावलंबियों और अपने अनुयायियों की भीड़ में पोप अपने चरम पर दिखे. मुस्कुराते, लोगों का अभिवादन स्वीकार करते, उनकी और हाथ हिलाते.
दर्शन की ललक
पोप के दर्शन करने इलाके के लोगों के अलावा दूरदराज से भी लोग आए. पापा फ्रांसिस्कुस के इंतजार में उन्होंने रात सड़कों पर अपने स्लीपिंग बैग में गुजारी. उन्होंने बोलिविया में सामाजिक सुधारों की तारीफ की और कहा कि लोग खुशहाली का मतलब सिर्फ भौतिक समृद्धि न समझें, जो भ्रष्टाचार और विवाद बढ़ाता है.
सेल्फी का जोश
सेल्फी के जोश से लैटिन अमेरिका भी अछूता नहीं. अगर पोप घर आए हों तो फिर एक सेल्फी की कोशिश क्यों न हो. और प्रार्थना सभा के लिए मंच की और जाते हुए पोप के करीब पहुंचे बहुत से युवा उनके साथ सेल्फी लेने के मौके का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हर कहीं उत्साह
पोप को चाहने वालों में कैथोलिक गिरजे के पादरी और नन हैं तो आम लोग भी हैं. इक्वाडोर में पोप की पहली घरवापसी पर गुआयाक्विल में हुई पहली प्रार्थना सभा में उन्हें देखने दसियों हजार लोग पहुंचे. उनके चेहरों पर अपने पोप के स्वागत का उत्साह देखा जा सकता था.
अपनी जमीन पर
पोप बनने के दो साल बाद अपने पहले लैटिन अमेरिका दौरे पर इक्वाडोर पहुंचे पोप फ्रांसिस का स्वागत राष्ट्रपति रफाएल कोरेया और बच्चों ने किया. इस दौरे पर उन्होंने लैटिन अमेरिका में गरीबी और बेकसी का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया.