पेरेंटिंग के अजब गजब चलन
दुनिया की अलग अलग जगहों पर बच्चों को पालने के तरीकों में काफी अंतर दिखता है. कहीं के आम चलन को कहीं और बेहद अजीब माना जा सकता है.
बच्चे का प्रैम फुटपाथ पर छोड़ना
डेनमार्क में माता पिता बाजार में थोड़ी देर के लिए बच्चागाड़ी में बच्चे को अकेला छोड़ कर खरीदारी करने जाने को कोई बड़ी बात नहीं मानते. यहां तक अक्सर भीड़भाड़ और धुएं वाले रेस्तरां में माता पिता अपने बच्चे को ले जाने के बजाय उन्हें खुले फुटपाथ पर ही किनारे छोड़कर जाना पसंद करते हैं.
बच्चे को बाहर ठंड में सुलाना
स्वीडेन, फिनलैंड जैसे कई नॉर्डिक देशों में कई पीढ़ियों से छोटे बच्चों को कुछ देर के लिए बाहर ठंड में रखने की परंपरा है. मांएं मानती है कि इससे बच्चा तंदरुस्त बनता है और आगे चल कर अत्यधिक ठंड के साथ ठीक से तालमेल बिठा पाता है. विज्ञान ने अभी तक इन धारणाओं की पुष्टि नहीं की है. जाहिर है बच्चों को पर्याप्त कपड़े पहनाए जाते हैं और उन्हें गर्म रखने के लिए कंबल भी ओढ़ाया जाता है.
बच्चों को बीयर पीने देना
बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए 2001 में बेल्जियम के बीयर लवर्स क्लब ने एक खास उपाय निकाला. उनका प्रस्ताव था कि अगर बच्चे पानी की जगह सोडा पीना पसंद करते हैं तो उन्हें सोडा की जगह हल्की बीयर दी जाए. इसे दिखाते हुए एक सफल पायलट प्रोजेक्ट भी चला लेकिन बेल्जियन सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर कभी मान्यता नहीं दी.
जहां बच्चे पीते हैं जानलेवा शराब
यूरोप में करीब एक तिहाई जानें शराब के कारण जाती हैं. इसके बावजूद यूरोपीय देश क्रोएशिया में कई माता-पिता अपने प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को महीने में कई बार अल्कोहल पीने देते हैं. कुछ आंकड़े दिखाते हैं कि आठवीं कक्षा तक पहुंचते पहुंचते करीब 30 फीसदी लड़के और 12 फीसदी लड़कियां हफ्ते में कई दिन शराब पीने लगते हैं.
नवजात बच्चे से एक महीने तक दूर
चीन में कुछ जगहों पर नवजात बच्चे की मां को गर्भावस्था और जन्म देने की कठिन प्रक्रिया से उबरने के लिए कुछ समय देने का चलन है. एक महीने के लगभग मांएं घर में रहकर खास तरह का भोजन और दिनचर्या अपनाती हैं. महिला इस दौरान बच्चे को दूध पिला सकती है, लेकिन बच्चे के बाकी काम और देखभाल परिवार के अन्य लोग करते हैं.