पेरिस हमलों ने मुंबई की यादें ताजा कीं
१६ नवम्बर २०१५सोशल मीडिया पर चर्चा आम है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ आतंकी हमला काफी कुछ पेरिस से मिलता जुलता था जब हमलावरों ने लोगों को बंधक बनाकर गोलीबारी की. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.
मुंबई हमले में घायल हुए सौरभ मिश्रा ने कहा, "जैसे जैसे पेरिस हमले की तस्वीरें, वीडियो और सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा मेरे सामने आ रही है मेरे अंदर गुस्सा और उस रात की यादें ताजा हो रही हैं." सोशल मीडिया पर भारत में पेरिस हमले की कड़ी आलोचना हो रही है, लोग #PrayForParis के साथ शांति संदेश साझा कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान पेरिस हमलों पर विवादित बयान देकर राजनीतिक दलों के साथ ही सोशल मीडिया पर भी कड़ी आलोचना झेल रहे हैं. आजम खान ने पेरिस पर हुए आतंकी हमले की निंदा की लेकिन साथ ही कहा कि यह क्रिया की प्रतिक्रिया है. उन्होंने कहा कि तेल के लिए अमेरिका और रूस ने पूरे मध्यपूर्व को तबाह कर दिया.
बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आजम खान के बयान की आलोचना करें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. भारत में फ्रांसीसी राजदूत फ्रांसोआ रिशिये ने कहा कि उन्हें आजम खान के बयान से दुख पहुंचा है.
वहीं कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का बयान भी विवादों में है जिसमें उन्होंने पेरिस हमलों की निंदा करते हुए कहा कि पेरिस हमला निंदनीय है लेकिन कहा कि इस्लाम के प्रति जिस तरह का भय पश्चिम में फैलाया जा रहा है उसे तुरंत रोकने की जरूरत है. फ्रांस में रहने वाले मुसलमानों को यह एहसास दिलाने की जरूरत है कि वे भी देश का हिस्सा हैं.
आईएस की निंदा करते हुए डीडब्ल्यू के कई पाठकों ने पश्चिमी देशों की भूमिका पर भी निशाना साधा है. रतनलाल पुरोहित ने डीडब्ल्यू के फेसबुक पेज पर लिखा "आईएस एक भस्मासुर है जो अब उन्हें ही चुनौती दे रहा है जिन्होंने उसे पैदा किया." वहीं गालिब खान ने भी डीडब्ल्यू के फेसबुक पेज पर लिखा, "पेरिस हमले की निंदा होनी चाहिए. और सीरिया और इराक का मसला बातचीत से हल करना चाहिए. 58 देश मिलकर मसला हल करने के बजाए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. केवल आतंकियों को दोष मत दो अपनी करतूतों पर भी नजर रखो. अरब में अमेरिकी हस्तक्षेप से पहले शांति थी."
भारतीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक पेरिस हमले के बाद मुंबई और दिल्ली में हाई अलर्ट कर दिया गया है. हवाई अड्डों और मेट्रो स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है. हालांकि उन्होंने बताया कि भारत को कोई धमकी नहीं मिली है लेकिन ऐसी घटनाओं पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाया जाना मानक प्रक्रिया है.
मुंबई के नरीमन हाउस हमले को अपनी आंखों से देखने वाले चिंतन सकरिया ने एएफपी से कहा कि पेरिस हमलों की खबरें पढ़कर उनके रोंगटे खड़े हो गए. उन्होंने कहा "यादें ताजा हैं और भुलाई नहीं जा सकतीं. वे डरावनी हैं." मुंबई में आतंकवाद और सुरक्षा मामलों के जानकार समीर पाटिल ने कहा कि पेरिस हमला मुंबई से काफी मिलता जुलता है क्योंकि यहां भी लोगों को बंधक बनाया गया था. लेकिन कम अनुभवी मुंबई पुलिस को इस हमले से निपटने में तीन दिन लग गए थे, "क्योंकि पेरिस में ज्यादा चुस्त कानून व्यवस्था और जनवरी में हुए शार्ली एब्दो हमले का अनुभव था," फ्रांसीसी विशेष दल स्थिति को जल्द काबू में कर सके.
एसएफ/एमजे (एएफपी)