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आतंकियों के नाम एक पति का संदेश

२० नवम्बर २०१५

"शुक्रवार की रात तुमने एक असाधारण व्यक्ति का जीवन चुरा लिया. मेरी जिंदगी का प्यार, मेरे बेटे की मां. लेकिन तुम्हें मेरी नफरत नहीं मिलेगी."

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Symbolbild Alter Liebesbrief neu
तस्वीर: Freesurf /Fotolia

पेरिस हमले में फ्रांसीसी युवक ओन्तोइन लैइरिस ने अपनी पत्नी एलेन मुयल लैइरिस को खो दिया. लेकिन इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर जो संदेश लिखा उसे अब तक हजारों बार शेयर किया जा चुका है. अपने संदेश में उन्होंने आतंकियों से साफ साफ कहा है कि अपने बेटे की मां को खोने के बावजूद वे उनसे नफरत नहीं करेंगे.
ओन्तोइन लिखते हैं, "मैं नहीं जानता तुम कौन हो, और मैं जानना भी नहीं चाहता. तुम्हारी आत्मा मरी हुई है. अगर हमें उसी खुदा ने बनाया है जिसके नाम पर तुम अंधे होकर कत्ल करते हो, तो मेरी पत्नी के शरीर पर लगने वाली हर गोली ने उसके दिल पर जख्म किए होंगे. इसलिए मैं तुम्हें तुमसे नफरत करने का तोहफा नहीं दूंगा."

"जाहिर है तुम इसके हकदार हो, लेकिन इसका जवाब गुस्से से देना उसी अज्ञानता के रास्ते पर चलने जैसा होगा जिसने तुमको आज ऐसा बना दिया है. तुम चाहते हो मैं डर जाऊं? अपने ही शहर के नागरिकों को शक की नजर से देखूं? सुरक्षा के लिए अपनी आजादी को कुर्बान कर दूं?
तुम हार गए. वहीं दुआ. वही खेल.
कई रातों और कई दिनों के इंतजार के बाद मैंने उसे आज सुबह देखा. वह उतनी ही खूबसूरत लग रही थी जितनी वह शुक्रवार की शाम लग रही थी. उतनी ही खूबसूरत जितनी वह 12 साल पहले लगती थी जब मुझे उससे प्यार हुआ था.
जाहिर है मैं इस दुख से उजड़ गया हूं - इतनी जीत मैं तुम्हारे नाम करूंगा. लेकिन यह कुछ दिन की तकलीफ है. मैं जानता हूं वह हमारे साथ हर दिन रहेगी. और हम एक दूसरे को फिर पा लेंगे. मुक्त आत्माओं के स्वर्ग में जहां तुम कभी नहीं पहुंच सकोगे.
अब सिर्फ हम दोनों हैं, मैं और मेरा बेटा. लेकिन हम पूरी दुनिया की सेना से ज्यादा मजबूत हैं. खैर, मेरे पास तुम पर बर्बाद करने के लिए और समय नहीं. मुझे मेलविल के पास वापस जाना है जो अपनी दोपहर की नींद से जाग रहा है. वह सिर्फ 17 महीने का है. वह हर रोज की तरह अपना नाश्ता करेगा. और फिर हम हर रोज की तरह खेलेंगे.
और अपनी जिंदगी के हर दिन यह छोटा बच्चा अपनी खुशियों और आजादी से तुम्हारा अपमान करता रहेगा. क्योंकि तुम्हें उसकी भी नफरत नहीं मिलेगी."
एसएफ/आरआर