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पूर्व चांसलर की नयी नौकरी पर घमासान

महेश झा
२९ सितम्बर २०१७

जर्मनी के पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर रूस की बहुराष्ट्रीय तेल कंपनी रोसनेफ्ट के चेयरमैन चुने गए हैं. श्रोएडर के इस जॉब से जर्मन राजनीति में नैतिकता की भी बहस छिड़ गयी है.

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Frankreich Gerhard Schroeder bei Unterzeichnungszeremonie Nord Stream 2
तस्वीर: Getty Images/AFP/E. Piermont

रोसनेफ्ट के शेयरधारकों की सेंट पीटर्सबर्ग में हुई बैठक में रूसी सरकार के सुझाव पर पूर्व जर्मन चांसलर को पहले बोर्ड का सदस्य चुना गया और उसके बाद उन्हें इसका चेयरमैन भी चुना गया. 73 वर्षीय श्रोएडर ने जर्मनी में हो रही आलोचना को दरकिनार कर ये पद संभाला है. इस फैसले के खिलाफ बर्लिन में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए श्रोएडर ने रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने की अपील की. रोसनेफ्ट कंपनी पर भी प्रतिबंध लगे हैं. श्रोएडर को चांसलरके उनके कार्यकाल के समय से ही पुतिन का दोस्त माना जाता है और 2005 में पद छोड़ने के बाद वे रूसी कंपनी गाजप्रोम के लिए काम कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस काम के लिए उन्हें 6 लाख यूरो मिलेंगे. 

जर्मनी में श्रोएडर की आलोचना की एक वजह ये भी है कि उन्हें पूर्व चांसलर होने के नाते कई तरह की सरकारी सुविधाएं मिल रही हैं. इनमें से एक बर्लिन में एक दफ्तर रखना और उसके कर्मचारियों का खर्च है. चांसलर दफ्तर के अनुसार 2016 में कर्मचारियों को तनख्वाह देने पर 5,61,000 यूरो खर्च हुआ. जर्मनी में पूर्व राष्ट्रपतियों और चांसलरों को सरकारी खर्च पर एक दफ्तर रखने की सुविधा दी जाती है.

इसके अलावा गेरहार्ड श्रोएडर को पेंशन भी मिलती है. वे 1998 से 2005 तक चांसलर थे. जर्मन समाचार पत्रिका डेअ श्पीगेल का कहना है कि कानूनी प्रावधानों के अनुसार उन्हें इस अवधि के लिए वर्तमान चांसलर की तनख्वाह का 35 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है. यह महीने में 6,446 यूरो है. चांसलर बनने से पहले श्रोएडर संसद के सदस्य और लोवर सैक्सनी प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं. इन कार्यकालों के लिए भी उन्हें पेंशन मिलती है.

वामपंथी राजनीतिज्ञ अलेक्जांडर नॉय ने श्रोएडर और दूसरे पूर्व राजनीतिज्ञों पर मलाई खाने की मनोवृत्ति का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पूर्व राजनीतिज्ञ अपने कार्यकाल के राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल उद्यमों में नौकरी पाने के लिए करते हैं और साथ ही दफ्तर और कर्मचारियों जैसी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाते रहते हैं.

Deutschland Gerhard Schroeder mit dem russiascher Präsident Wladimir Putin
पुरानी है पुतिन और श्रोएडर की दोस्तीतस्वीर: J. Bauer/AP/picture-alliance

चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी के विदेशनैतिक प्रवक्ता नॉर्बर्ट रोएटगेन ने श्रोएडर की आलोचना करते हुए कहा कि वह श्रोएडर होने के कारण रोजनेफ्ट के लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि कंपनी पूर्व चांसलर को पद देकर खुद को फायदा पहुंचाना चाहती है. रोएटगेन ने कहा श्रोएडर का काम जर्मन रूसी संबंध को बेहतर नहीं बना रहा है. श्रोएडर जर्मनी की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के बदले रूस पर जर्मनी की निर्भरता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

अर्द्धसरकारी रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट पिछले सालों में बहुराष्ट्रीय कंपनी बनकर उभरी है. यह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विश्वासपात्र और रोसनेफ्ट प्रमुख इगोर सेचिन के कार्यकाल में हुआ है. श्रोएडर भी पुतिन के पुराने दोस्तों में शामिल हैं. 1993 में रूसी तेल कंपनियों की निगरानी करने वाले संगठन के रूप में बना रोसनेफ्ट 2005 में रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी बन गयी. यूक्रेन संकट के कारण यूरोपीय और अमेरिकी प्रतिबंध झेल रही रोसनेफ्ट 40 लाख बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन के साथ वह दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी है. 

(बिस्मार्क से लेकर मैर्केल तक का जर्मनी)