पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं ट्रंप: शुल्त्स
३ अगस्त २०१७जर्मनी में 24 सितंबर को चुनाव होने हैं. दुनिया की सबसे ताकतवर महिला कही जाने वाली अंगेला मैर्केल चौथी बार चांसलर बनने की कोशिश कर रही हैं. उनका सामना मध्य-वाम सोशल डेमोक्रैटिक दल (एसपीडी) के नेता मार्टिन शुल्त्स से है. मौजूदा सर्वेक्षणों में शुल्त्स को मैर्केल से 12 से 18 प्वाइंट पीछे दिखाया जा रहा है. ऐसे में जाहिर है कि उन्हें और असरदार प्रचार की दरकार है.
जर्मनी की दिग्गज पत्रिका डेय श्पीगल से बातचीत में शुल्त्स को खुद को मैर्केल के मुकाबले बेहतर उम्मीदवार बताया. जर्मनी में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की छवि बहुत अच्छी नहीं हैं. शुल्त्स इस मुद्दे को भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं. पत्रिका से बातचीत में उन्होंने ट्रंप को "निर्दयी कुनबापरस्ती" का जिम्मेदार ठहराया. ट्रंप की 'ट्वीट राजनीति' पर भी तीखा वार करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि राजनीति को एक ट्वीट तक समेटना एक अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बेहद खतरनाक है. ट्रंप अपने देश और पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं."
शुल्त्स से जब यह पूछा गया कि वह जर्मन चांसलर के तौर पर ट्रंप के साथ कैसे पेश आएंगे, तो उन्होंने कहा, पूर्व चासंलर गेरहार्ड श्रोएडर की तरह. सोशल डेमोक्रैट श्रोएडर ने "स्पष्ट ढंग से अमेरिका के एक राष्ट्रपति को ना कहा था." सन 1998 से 2005 तक जर्मनी के चांसलर रहे श्रोएडर ने इराक युद्ध में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था. इस इनकार को जर्मन जनता ने पसंद किया और श्रोएडर को 2002 में दूसरी बार चांसलर बनाया. अपने कार्यकाल के दौरान श्रोएडर के तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से संबंध ठंडे रहे.
ट्रंप के व्यवहार का जिक्र करते हुए शुल्त्स ने कहा, "ट्रंप जैसे लोगों को वही चाहिए जो वे खुद के बारे में फैलाते हैं: साफ संदेश."
लंबे समय तक यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रहे शुल्त्स कहते हैं, "मैं जितना स्पष्ट हो सकेगा उतनी स्पष्टता से उन्हें जवाब दूंगा. ऐसा करना जर्मन सरकार के प्रमुख का सिर्फ अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्तव्य भी है."
मौजूदा चांसलर अंगेला मैर्केल की आलोचना किये बिना 61 साल के शुल्त्स ने कहा, "राजनीति को कभी कभार स्पष्ट शब्दों की जरूरत होती है. मुझे लगता है इस मामले मैं, मिस मैर्केल से बेहतर हूं." मैर्केल डिप्लोमैटिक तरीके से ट्रंप के साथ पेश आ रही हैं. लेकिन वह ट्रंप से अपनी दूरी भी जाहिर कर चुकी हैं. मैर्केल कह चुकी हैं कि यूरोप अब अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर नहीं कर सकता.
(ट्रंप के इन कदमों से मची है खलखली)
ओएसजे/आरपी (एपी)