पुलिस रणनीति पर फिर सोचें: मनमोहन
२६ अगस्त २०१०नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों और इंस्पेक्टर जनरलों की तीन दिवसीय गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री सिंह ने कहा, "जम्मू और कश्मीर में उग्रपंथी गतिविधियों में कमी के बावजूद राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था गंभीर चिंता का कारण बन गई है. हमें मानक संचालन प्रक्रियाओं और सार्वजनिक आंदोलनों से निबटने में भीड़ नियंत्रण के कदमों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है." प्रधानमंत्री ने कहा कि सबको एक लाठी से नहीं हांक सकते, हमारा रवैया यह नहीं हो सकता कि एक साइज सबको फिट करेगा.
मनमोहन सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के विवादास्पद राज्य में हिंसक प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई में 60 लोगों के मारे जाने की कटु आलोचना हो रही है. सिंह ने गृहमंत्री पी चिदंबरम से एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स बनाने को कहा है जिसका काम अगले दो से तीन महीने के अंदर भीड़ नियंत्रण के लिए गैर घातक कदमों पर सुझाव देना होगा.
भारतीय प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग के एक मानक के बदले दूसरे देशों से स्थिति के मुताबिक कदम उठाने की प्रक्रियाएं तय की हैं. उन्होंने रैपिड एक्शन फोर्स के सफल भीड़ नियंत्रण अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि दूसरे पुलिस बलों द्वारा इसे लागू करने की जांच की जा सकती है.
रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा
संपादन: ए कुमार