पीएम का कश्मीर दौरा, हमले की 'आशंका'
७ जून २०१०आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रीनगर के शेरे कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय में एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे. राज्यपाल और यूनिवर्सिटी के चांसलर एनएन वोहरा ने प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है.
पिछले साल मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मनमोहन सिंह के लिए कश्मीर घाटी का दूसरा दौरा है. पिछले साल अक्तूबर में भी वह श्रीनगर गए थे. इस बार उनके साथ केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और पृथ्वीराज चौहान भी होंगे.
प्रधानमंत्री विभिन्न पार्टियों के नेताओं से बातचीत कर अपने दौरे की शुरुआत करेंगे. इस दौरान उनकी अध्यक्षता वाली गोलमेज कांफ्रेस के दो सत्रों में दी सिफारिशों पर हुई प्रगति की समीक्षा भी होगी. उम्मीद है प्रधानमंत्री फिर अलगाववादी नेताओं के सामने बातचीत की पेशकश रखेंगे ताकि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में प्रगति हो सके. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अलगाववादियों के साथ "बिना किसी शोर शराबे के" बातचीत की पहल करने की बात कही थी लेकिन उसका अभी तक कोई खास नतीजा नहीं निकला है.
प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हड़ताल बुलाई है जिसका समर्थन अलगाववादी संगठन दुखतरान-ए- मिल्लत ने भी किया है.
इस बीच सेना ने प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान आत्मघाती हमले की आशंका जाहिर की है. आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अब्दुल्ला उन्नी आत्मघाती हमले की योजना बना रहा है. लेकिन स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
पुलिस ने जब इंटरसेप्ट की गई आंतकवादियों की बातचीत की सीडी मांगी तो सेना ने खास वजहों से उसे देने से इनकार कर दिया. सूत्रों के मुताबिक सेना ने उत्तरी कश्मीर से भी इंटरसेप्ट संदेश हासिल करने का दावा किया है, लेकिन स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने इनमें से किसी संदेश की पुष्टि नहीं की है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन