पाकिस्तान में होगा आतंकवाद विरोधी सम्मेलन
५ जुलाई २०१०सरकार और विपक्ष द्वारा बढ़ते आतंकवाद से निबटने पर आरोपों प्रत्यारोपों के बाद प्रधानमंत्री युसूफ़ रज़ा गिलानी ने सम्मेलन बुलाने की घोषणा की. सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री गिलानी और विपक्षी नेता नवाज़ शरीफ़ के बीच इस पर सहमति हो गई है. लाहौर में 11वीं सदी के पीर अबुल हसन अली हजवेरी की दरगाह पर हुए आतंकी हमले में 42 लोग मारे गए थे और लगभग 200 घायल होगए थे. इस हमले की देश में व्यापक आलोचना हुई थी.
पाकिस्तान में तालिबान के अलावा कई अन्य इस्लामी कट्टरपंथी ग्रुप भी सक्रिय हैं, जो कुछ इस्लामी संप्रदायों को भी नहीं मानते. पिछले दिनों अहमदी संप्रदाय के मस्जिद पर हमले में लगभग 90 लोगो मारे गए थे. फिलहाल यह नहीं बताया गया है कि इस्लामी कट्टरपंथियों और विद्रोहियों को सम्मेलन में बुलाया जाएगा या नहीं.
प्रधानमंत्री गिलानी ने सोमवार को एक अंतर प्रादेशिक बैठक बुलाई है जिसमें कानून और व्यवस्था की स्थिति पर बात करने के अलावा राष्ट्रीय कांफ़्रेंस की तिथि और अजेंडे पर भी चर्चा होगी. इससे आतंकवाद से निबटने पर सरकार और मुख्य विपक्षी दल मुस्लिम लीग नवाज़ के बीच मतभेदों को दूर करने में भी मदद मिलेगी.
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ इस्लामी कट्टरपंथियों के प्रति नरम रवैये वाला समझा जाता है. उनकी पार्टी देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में सत्ता में है जिसकी राजधानी लाहौर में पिछले दिनों अक्सर हमले हुए हैं. नवाज़ शरीफ़ ने शांति के लिए इच्छुक विद्रोहियों के साथ बातचीत करने की मांग की है.
इसके विपरीत दक्षिण पंजाब से आने वाले प्रधानमंत्री गिलानी का कहना है कि उग्रपंथियों के ख़िलाफ़ हर कहीं कार्रवाई की जाएगी. इस्लामी कट्टरपंथियों ने सारे देश में आतंक फैला रखा है और सरकारी एजेंसियों के अलावा उनके एजेंडे का विरोध करने वालों पर हमले करते हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन