पाकिस्तान में आतंकी हमले में दर्जनों की मौत
३ नवम्बर २०१४इस्लामी कट्टरपंथी तालिबान और दूसरे विद्रोही नियमित रूप से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमला करते रहते हैं. अब तक पाकिस्तान के सबसे अमीर प्रांत पंजाब में ऐसे हमले आम नहीं थे लेकिन अब इस प्रांत को हमलों का निशान बनाया गया है. पाकिस्तान के सैनिक शहर लाहौर के करीब स्थित वाघा बॉर्डर पर परंपरागत सैनिक परेड के बाद किए गए आत्मघाती हमले में 55 लोग मारे गए और 120 से ज्यादा घायल हो गए. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी हैं.
भारत और पाकिस्तान की सीमा पुलिस हर शाम वाघा बॉर्डर पर गेट बंद किए जाने से पहले एक समारोह में अपने अपने झंडे उतारती है. समारोह को देखने दोनों ही ओर बहुत से लोग पुलिस जवानों को खास अंदाज में झंडा उतारते देखने के लिए जमा होते हैं. रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण वहां हजारों लोग जमा थे.
हमले के पीछे कौन?
रविवार के हमले के पीछे कौन लोग हैं अब तक इसका पता नहीं चला है. कम से कम तीन चरमपंथी गुटों ने हमले की जिम्मेदारी ली है. हमले की जिम्मेदारी लेते हुए पाकिस्तानी तालिबान ने इसे अफगानिस्तान की सीमा पर तालिबान के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई का बदला बताया है.
चरमपंथी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान से निकलकर पिछले दिनों में कई नए गुट बने हैं. हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठनों में एक संगठन सुन्नी गुट जमातुल अहरार है जिसके संबंध आतंकी नेटवर्क अल कायदा से हैं. इस गुट के एक प्रवक्ता एहसानुल्लह एहसान ने कहा है, "यह हमारा काम था." साथ ही उसने नए हमलों की धमकी दी है, "हम आगे भी काफिरों को निशाना बनाएंगे."
भारत ने की निंदा
हमला ऐसे समय में हुआ है जब देश में मुहर्रम के महीने में सुरक्षा बंदोबस्त और कड़े कर दिए गए हैं. हमले में मरने वालों में पाकिस्तानी सीमा पुलिस रेंजर्स के दो अधिकारी हैं. अफगानिस्तान की सीमा पर कबायली इलाकों में जून में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई शुरू होने के बाद यह सबसे बड़ा हमला है. सीमा पर स्थित वजीरिस्तान में तालिबान का गढ़ है. पाकिस्तानी सेना के अनुसार चरमपंथियों के खिलाफ अभियान शुरू किए जाने के बाद से वहां करीब 1100 लोग मारे गए हैं.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की है. अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने इसे "कायराना आतंकी हमला" बताया है.
भारतीय अधिकारियों ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है. हमले के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने कहा था कि सीमा पर भारत के पंजाब प्रांत में स्थिति शांत है. 1947 में अंग्रेजों से आजाद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर तीन लड़ाईयां हुई हैं. लड़ाईयों के बीच भी सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़पें होती रही हैं. पिछले हफ्तों में भी विवादित कश्मीर की सीमा पर नियमित रुप से गोलीबारी हुई है.