पाइलिन से तबाही
220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार वाली हवाएं लेकर आए तूफान पाइलिन से भारी तबाही...
घरों की ओर
भारी तबाही के बाद लोग मुट्ठी भर सामान के साथ लौट रहे हैं. उनके सामने बड़ी चुनौती है, अपने घर, दुकान के मलबे को साफ करना और फिर रोजमर्रा की जिंदगी में लौटना.
नवरात्रि के दौरान
जिस समय भारत के पूर्वी तट पर ये तूफान पहुंचा, नवरात्रि का समय था. अष्टमी और नवमी देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग परंपरा के साथ देवी दुर्गा की पूजा के दिन होते हैं.
तूफान के बाद की अशांति
तूफान के गुजर जाने के बाद भी अभी पता नहीं चल सका है कि कितने लोगों की जान इसने ली और इसकी तबाही कितनी भीषण है. इतना है कि राहत और बचाव कर्मियों ने लोगों को बचाने के लिए जीतोड़ मेहनत की है.
बड़ा भारी बचाव अभियान
करीब 10 लाख लोगों को पूर्व के तटीय इलाकों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. यह भारत के इतिहास के बचाव अभियानों में सबसे बड़ा था. 200 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा की रफ्तार वाली हवाएं लेकर आए तूफान ने कई सौ हेक्टेयर धान, गन्ने और केले की खेती बर्बाद कर दी.
प्रकृति की हिंसा
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक ओडीशा और आंध्रप्रदेश में करीब दो लाख तीस हजार घर तूफान के कारण प्रभावित हुए हैं. हवाओं की गति इतनी ज्यादा थी कि उसने इस टैंकर को भी उलट दिया.
साफ पानी
भारी बारिश और तूफान के बाद अस्थाई शिविरों और घरों के लिए साफ पानी एक बड़ी चुनौती है.
पर्यटन को नुकसान
पाइलिन तूफान के कारण ओडीशा के पर्यटन स्थलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. यहां के तटों पर देश विदेश के लोग आना पसंद करते हैं.
भारी बारिश
पाइलिन तूफान के कारण ओडीशा और आंध्रपदेश के बाद अब बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कई शहरों में भारी बारिश हो रही है.
राहत कार्य
तूफान के कारण गिरे पेड़ों, घरों की साफ सफाई में अब कई दिन लग जाएंगे. एक रात के तूफान ने कई दिनों का काम एक साथ पहुंचा दिया है...