पहले वनडे में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराया
२३ जून २०१०नेटवेस्ट सीरीज के पहले वनडे मुकाबले में कंगारू टीम ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. टीम शुरूआत खराब रही और मध्य क्रम तक के बल्लेबाज चुटकियों में ढह गए. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुवर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की लहराती गेंदों ने मेहमान टीम को खासा परेशान किए रखा.
22वें ओवर तक टीम के चार विकेट गिर चुके थे और स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 98 रन जुड़े थे. तब क्रीज पर खराब फॉर्म से जूझ रहे उपकप्तान माइकल क्लार्क आए. क्लार्क ने डेविड हसी और अन्य पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ छोटी लेकिन तेज तरार साझेदारियां निभाई. आखिर के 28 ओवरों में टीम ने 169 रन जोड़ दिए. क्लार्क 87 रन बनाकर नाबाद लौटे. होप्स ने 34 और हॉरित्ज ने 22 रन जोड़कर टीम को 267 रन तक पहुंचाया.
तेज विकेट पर यह स्कोर चुनौतीपूर्ण था. चौथे ओवर में इंग्लैंड को पहला झटका लगा. हैरिस ने एंड्र्यू स्ट्रॉस को 10 रन बनाते ही उल्टे पांव पैवेलियन भेज दिया. पीछे पीछे केजवैटर, केविन पीटरसन और कप्तान कोलिनवुड भी निकल लिए. ऑस्ट्रेलिया जैसी हालत इंग्लैंड की भी हो गई. 20 ओवर में चार विकेट पर 97 रन.
लेकिन तभी 23 साल के युवा बल्लेबाज इओन मोर्गन क्रीज पर आए. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बयान के हर शब्द को सही साबित करते हुए उन्होंने खेल को अपने नियंत्रण में ले लिया. 16 चौकों की मदद से उन्होंने 103 रन की नाबाद पारी खेली और टीम को चार ओवर पहले ही जीता दिया. अहम मौके पर पुछ्ल्ले बल्लेबाज लुक राइट और ब्रेसनन ने मोर्गन का बढ़िया साथ दिया.
मोर्गन के बारे में सचिन तेंदुलकर ने कुछ ही दिन पहले लंदन में कहा था, ''वह एक शानदार खिलाड़ी हैं. वह खेल को अपने नियंत्रण में ले लेते हैं. मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह इंग्लैंड का सबसे बड़ा हथियार होंगें.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम