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पहली बार बना विजेता

३१ अक्टूबर २०१३

डीडब्ल्यू का रेडियो से नाता टूटने के बावजूद आज भी डीडब्ल्यू के प्रति पाठकों की दीवानगी कम नही हुई. अक्सर हमें उनसे तारीफें, सुझाव और शिकायतों भरे संदेश मिलते रहते हैं. क्या लिखा है उनके संदेशों में, चलिए जानते हैं..

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ARCHIV - Der Sitz der Nationalen Anti Doping Agentur (NADA), aufgenommen am 12.08.2009 in Bonn. Die Nationale Anti-Doping-Agentur (NADA) betritt mit der Übernahme der Doping-Kontrollen bei Pferden außerhalb von Wettkämpfen Neuland. Wie die Bonner Agentur am Freitag (25.03.2011 ) mitteilte, hat die Deutsche Reiterliche Vereinigung (FN) nach langen Verhandlungen die NADA vom 1. April an mit dieser Aufgabe betraut. Foto: Oliver Berg dpa/lnw +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

खेल में 'डोपिंग' नई बात नहीं है, प्राचीन काल से एथलीट खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए शक्तिवर्धक दवाओं का उपयोग करते थे, लेकिन शक्तिवर्धक दवाओं का तरीका अलग अलग था. डोपिंग आज खेल जगत के लिए एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आ रहा है. उन्नत दवा परीक्षण प्रणाली के विकास के बावजूद खेल में डोपिंग विचार और अनजाने दोनों तरीकों से वृद्धि पर है. खेल में डोपिंग एथलीट के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. कुछ जान बूझकर लाभ प्राप्त करने के लिए ड्रग्स लेते हैं. 'डोपिंग की ए, बी, सी, डी' आलेख से डोपिंग के नुकसान, डोपिंग में आने वाली दवाओं की श्रेणियां और डोपिंग के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कराने के लिए डॉयचे वेले का आभारी हूं.

सुभाष चक्रबर्ती, नई दिल्ली, भारत

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मैं आप सभी का बेहद शुक्रिया करना चाहता हूं कि आपने मुझे डेली कोड में विजेता बनाया है और यह पहली बार है कि मैं इसमें विजेता बना हूं. क्लब में मेरे दोस्त सभी बहुत खुश हैं मैं कंसल्टैंसी का काम करता हूं और मैं अपनी सभी पार्टियों को भी इसके बारे में बता रहा हूं. उनमें से बहुत सारे आपके बारे में जानने को उत्सुक हैं. आशा है भविष्य में आपके श्रोता और बढ़ेंगे. मैं दो सुझाव देना चाहता हूं, एक तो आप अपनी साईट पर तारीख और जर्मन टाइम जरुर दिखाए ताकि हमें कोई प्लस माइनस न करना पड़े. दूसरा आप साईट पर DW विशेष कार्नर शुरू करें जिसमें जर्मन शहरों की सैर, जर्मन प्रसिद्ध कलाकारों के बारे में, जर्मन संगीत व जर्मनी के UNESCO HERITAGE SITES के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए.

कुशम कुमार, सिटी लिस्नर्स क्लब, रामपुरा फूल, पंजाब

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भारत के घरों में पलते गुलाम - आप इसी तरह हमारे लिए उपयोगी जानकारियां देते रहें जिससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होती रहे. मैं आपके सभी प्रोग्राम सुनता हूं. ये मुझे काफी पसंद हैं, मैं करीब 15 से भी अधिक सालों से आपका नियमित श्रोता हूं.

आकाश कुमार, रांची

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Sendungslogo TV-Magazin "Manthan" (Hindi)
तस्वीर: DW

देखते ही देखते पहली मंथन क्विज का परिणाम भी आ गया है और शायद अगली मंथन क्विज की तैयारी भी चल रही होगी. सबसे पहले तो मैं मंथन एवं समस्त डॉयचे वेले परिवार का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि जिसने पांच विजेताओं में मुझे भी मंथन क्विज का विजेता चुना. आज फेसबुक पर आपकी सभी रिपोर्टोँ को लाइक उन पर कमेंट और उन्हें शेयर करना मुझे बहुत अच्छा लगता है. फेसबुक पर कई लोगों ने मैसेज करके पूछा..क्या डीडब्ल्यू आपको यह सब करने की वेतन देता है? मुझे हंसी आ गई और मुस्कुराते हुए उन्हें जवाब दिया..जी नहीं, डीडब्ल्यू हमें प्यार देता है, जो सिर्फ हमारे लिए ही नहीं आप सबके लिए भी है. मैं किसी कारणवश इस बार का मंथन नहीं देख पाया, लेकिन मंथन एपिसोड 59 से जुड़ीं कई दिलचस्प और ज्ञानवर्धक रिपोर्टेँ आपकी वेबसाइट पर पढ़ने को मिलीं. इन दिनों डॉयचे वेले की वेबसाइट पर सभी रिपोर्टें काफी पसंद आ रही हैं.

आबिद अली मंसूरी, देशप्रेमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, बरेली, उत्तर प्रदेश

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dw.de/hindi के पहले पन्ने खबंरे में अधिक/ज्यादा समाचार प्रदर्शित नहीं किये जाते हैं. इससे खबरें खोजने में काफी दिक्कत होती है. खबर विस्तृत तो होती है परन्तु खबरों कि संख्या कम होती है. स्थानीय खबरें जैसे भारत के विभिन्न प्रदेशों की खबरें भी सम्मिलित कि जाये तो और रोचक हो जायेगा. खबर के प्रथम पन्ने पर केवल एक तस्वीर और बाकि सारी खबरें लाइन से हो तो अध्ययन सुविधाजनक होगा. अंतराष्ट्रीय खबंरे ज्यादा होती हैं और कुछ तो बेमतलब होती हैं, जिनका प्रथम पन्ने पर होना सही नहीं प्रतीत होता है. भारत की अधिक से अधिक खबरें होनी चाहिए, जो की नहीं होती हैं. निवेदन है एक पैनल बना के dw.de/hindi के इस पन्ने को और अधिक रोचक और विस्तृत बनाने की दिशा में प्रयास किया जा सकता है. अमर कुमार, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

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रेडियो प्रसारण बंद होने के बाद अब डीडब्ल्यू हिन्दी से सम्पर्क का यही एक माध्यम सोशल मीडिया शेष रह गया है. जब कभी डीडब्ल्यू से जुड़े होने की बात मन में आती है तो मुझे अपार हर्ष होता है और आपके स्वभाव पर गर्व भी. पूर्व की भांति आपने वही स्नेह और प्यार हमें दिया है. अनेकों प्रतियोगिताएं आयोजित करके और उसी उद्देश्य पर आज भी कार्यरत हैं. दोनों देशों के मैत्री संबन्धों को मज़बूती सांस्कृतिक आदान प्रदान रक्षा एवं व्यापार संबन्धी आपसी सहयोग, पर्यटन विभाग में बढ़ते स्रोत, शिक्षा संबन्धी नियमों एवं सुविधाओं की सटीक खबरों को हम तक पहुंचाने का धन्यवाद. विज्ञान और टेक्नालोजी एवं नए आविष्कारों की जानकारी के क्षेत्र में मील का पत्थर साहित हो रहे 'मंथन' में अनुरोध है कि आजकल सबसे चर्चित विषय फोन टैपिंग पर जानकारी दे कि आखिर यह होती कैसे है?

मुहम्मद सादिक, ग्राम लोहिया,पोस्ट अमिलो, जिला आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

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संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः एन रंजन

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