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पहचान बचाने को लड़ता ग्वाटेमाला

१३ अप्रैल २०१६

ग्वाटेमाला का मतलब है पेड़ों से भरा देश, लेकिन गरीबी और तस्करी के चलते बड़े इलाके से जंगल साफ हो चुके हैं. क्या इस तस्वीर को फिर से हरा किया जा सकता है.

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Guatemala: Peten - Maya Ruinen Tikal
तस्वीर: picture-alliance / Reinhard Koester

ग्वाटेमाला का वासाक्तून, माया सभ्यता के पवित्र स्थलों में शामिल है. इस इलाके में वर्चस्व वाली माया संस्कृति करीब 1000 साल पहले अचानक खत्म हो गई. अब यह इलाका अत्यंत पिछड़ा है और टिकाऊ जीवनशैली विकसित करने की कोशिश कर रहा है. तथाकथिक माया मेवे इसमें मददगार हो सकते हैं, लेकिन जिन जंगलों में वे उगते हैं उन्हें काटा जा रहा है.

डोना और उनके 11 सदस्यों वाले परिवार के लिए माया बादाम आमदनी का अहम जरिया है. गांव वालों को कुछ शर्तों के साथ जंगल का इस्तेमाल करने की छूट है. जीवनयापन के लिए टिकाऊ आर्थिक व्यवस्था ग्वाटेमाला में अपवाद है. गरीबी की कीमत वर्षावन को चुकानी पड़ी है. 70 प्रतिशत जंगल पिछले 20 सालों में काटा जा चुका है.

ड्रग तस्करों से परेशान

अब वहां घास का मैदान और खेती की जमीन है. आबादी बढ़ रही है और लोगों को अनाज चाहिए. समस्या यह है कि जमीन बहुत ज्यादा नहीं है. लेकिन यदि पशुपालन करना है तो जमीन चाहिए. जंगल के लिए एक और आफत है मादक द्रव्यों का कारोबार.

जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय सहायता संस्था जीआईजेड के याप शोर्ल के मुताबिक, ड्रग तस्करों के पास बहुत धन है. ये ब्लैकमनी है और वे इसे सफेद करना चाहते हैं. इसके लिए वे बड़े बड़े खेत खरीद लेते हैं, जिन्हें अवैध रूप से जंगल काट कर खेत बनाया गया है और उसे पशुपालन के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जंगल खत्म हो चुका है और जो जंगल कट गया उसे फिर से उगाना मुश्किल है. "

इस इलाके में कितने बड़े पैमाने पर जंगल काटा गया है, इसे याप शोर्ल और राष्ट्रीय वन संरक्षण विभाग के उनके साथी विक्टोर रामोस कई सालों से देख रहे हैं. वे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा पहल की मदद से वर्षावन के खत्म होने को लगातार रजिस्टर कर रहे हैं. वर्षावन के खत्म होने से उनके जीने की जगह भी खत्म हो रही है.

वन्य जीवों की आफत

ग्वाचामाया, माया काल के सूर्यदेव का प्रतीक हुआ करता था. अब यहां ब्रीडिंग स्टेशन में तोतों की ब्रीडिंग होती हैं. जंगल में अब मकाओ तोतों की सिर्फ 300 प्रजातियां बची हैं. पशु चिकित्सक फर्नांडो मार्टिनेस के मुताबिक तस्कर वन्य जीवों को भी नहीं छोड़ रहे हैं, "इन तोतों के लिए सबसे बड़ा खतरा प्राकृतिक आवास का खत्म होना है. इसके बाद अवैध कारोबार है. छोटे पक्षियों को उनके घोंसलों से चुरा लिया जाता है और ब्लैक मार्केट में बेच दिया जाता है. कीमत 5,000 डॉलर तक."

यहां ब्रीडिंग स्टेशन में तोते तब तक रहते हैं जब तक कि वे बड़े नहीं हो जाते. फिर उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाता है. मकाओ तोते 80 साल तक जिंदा रह सकते हैं. लेकिन कहना मुश्किल है कि क्या जंगल इतने दिन टिकेंगे.

जंगल से जुड़े आर्थिक हित

वापस वासाक्तून गांव में. इस फैक्टरी में माया पेड़ों के बीज से विभिन्न चीजें तैयार की जाती है. उनका आटा या केक बनाया जाता है. इस परियोजना से महिलाओं को काम मिलता है. प्रोजेक्ट को जीआईजेड की एक टीम और वन विशेषज्ञ खूलियो माड्रिड चलाते हैं, "यह बादाम मुझे लुभाता है, क्योंकि उसका स्वाद बहुत ही अच्छा है. और ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है. इसमें बहुत से पौष्टिक पदार्थ है और विटामिन भी."

बादाम से बने उत्पाद कुछ हद तक इलाके में ही रहते हैं. लेकिन उसका बड़ा हिस्सा कुछ सालों से मुख्य रूप से अमेरिका को निर्यात हो जाता है. अब तक 8 गांवों में माया बादामों की प्रोसेसिंग और बिक्री हो रही है. उससे होने वाली आमदनी स्थानीय लोगों की आय का प्रमुख जरिया है.

अमेजन के तस्कर

इसका फायदा जंगल को भी हो रहा है. पिछले सालों का अनुभव रहा है कि माया जंगल के जिन इलाकों में लोग रहते हैं, वे आम तौर पर अच्छी हालत में हैं. निवासी अपने आपको पेड़ों की रक्षा के लिए जिम्मेदार महसूस करते हैं. लेकिन जहां लोग नहीं रहते, वहां अवैध रूप से पेड़ काटने वालों की बन आती है. लेकिन जंगल को लोगों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद बनाना होगा. याप शोर्ल के मुताबिक, "लोगों के बिना आप जंगलों की रक्षा नहीं कर सकते. इसलिए वन संरक्षण के लिए लोगों की जरूरत है. और लोगों की जंगल से आमदनी भी होनी चाहिए, नहीं तो यह मकसद पूरा नहीं होगा."

ग्वाटेमाला का मतलब है हरियाली और खूबसूरती भरा पेड़ों का देश. सोच में बदलाव और जागरुकता से प्रकृति के इस स्वर्ग को बचाया जा सकेगा.

एमजे/ओएसजे