पर्यावरण पर नौ डॉक्यूमेंटरी फिल्में जो आपको जरूर देख लेनी चाहिएं
2020 में कोरोना वायरस और जलवायु परिवर्तन सबसे ज्यादा ज्वलंत मुद्दे रहे हैं. तो ऐसे में क्यों ना पर्यावरण पर आधारित इन नौ डॉक्यूमेंटरी फिल्मों को देखा जाए जो हमारे ग्रह के भविष्य के बारे में दमदार संदेश देती हैं.
माई ऑक्टोपस टीचर (2020)
कोई भी इंसान किसी जंगली ऑक्टोपस के इतना करीब नहीं गया होगा जितना दक्षिण अफ्रीकी फिल्म निर्माता क्रेग फॉस्टर गए. फॉस्टर एक साल तक अटलांटिक महासागर के एक इलाके में रोज पानी के नीचे गए और मंत्रमुग्ध कर देने वाले इस जीव के जीवन को कैमरे में कैद किया. संभव है कि ये फिल्म जानवरों और अपने पूरे ग्रह से आपके रिश्ते को देखने के आपके तरीके को ही बदल दे.
एटेनबोरो: ए लाइफ ऑन आवर प्लैनेट (2020)
डेविड एटेनबोरो पर्यावरण संबंधी डॉक्यूमेंट्रियों के गॉडफादर हैं. ब्रिटेन के रहने वाले 94 साल के ये फिल्म निर्माता प्रकृति और उसके हर अचम्भे को कैमरे में कैद करने के लिए दुनिया के हर कोने में गए. अपनी नई फिल्म में वो उन बदलावों पर रोशनी डालते हैं जो उन्होंने अपने जीवनकाल में देखे हैं. साथ ही वो भविष्य के बारे में अपनी परिकल्पना भी सामने रखते हैं जिसमें इंसान प्रकृति के साथ काम करे, ना कि उसके खिलाफ.
द ह्यूमन एलिमेंट (2018)
इस फिल्म में हम फोटोग्राफर जेम्स बलोग के साथ मिलते हैं, उन अमेरिकियों से जो जलवायु परिवर्तन से सीधे प्रभावित हुए हैं, जिनके जीवन और आजीविका पर इंसानों और प्रकृति के आपस में टकराने का सीधा असर पड़ा है. बलोग दिखाते हैं कैसे इंसान की जरूरतें पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश चारों मूल-तत्वों को बदल रही हैं और हमारे भविष्य के लिए इसके क्या मायने हैं.
बिफोर द फ्लड (2016)
इस डॉक्यूमेंट्री में हॉलीवुड सुपरस्टार लिओनार्डो डिकैप्रियो नेशनल ज्योग्राफिक के साथ मिल कर समुद्र के बढ़ते हुए जल स्तर और वन कटाई जैसे पूरी दुनिया में हो रहे ग्लोबल वॉर्मिंग के असर को हमारे सामने लाते हैं. बराक ओबामा, बान कि-मून, पोप फ्रांसिस और इलॉन मस्क जैसी हस्तियों के साथ साक्षात्कार के जरिए यह फिल्म एक सस्टेनेबल भविष्य के लिए समाधानों को सामने रखती है.
टुमॉरो (2015)
क्या आप जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए एक आशावादी नजरिए की तलाश कर रहे हैं? तो कृषि, ऊर्जा आपूर्ति और कचरा प्रबंधन के मौजूदा स्वरूप के विकल्पों पर रोशनी डालती यह फ्रांसीसी फिल्म आप ही के लिए है. शहरी बागबानों से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा के समर्थकों तक अलग अलग लोगों की कहानियों के जरिए यह हमें रोजमर्रा के सस्टेनेबिलिटी इनोवेटरों से मिलाती है और स्थानीय बदलाव लाने की प्रेरणा देती है.
रेसिंग एक्सटिंक्शन (2015)
ऑस्कर जीतने वाली निर्देशक लुई सिहोयोस की इस फिल्म में एक्टिविस्टों की एक टीम विलुप्तप्राय प्रजातियों के अवैध व्यापार की कलई खोलती है और वैश्विक विलोपन यानी एक्सटिंक्शन के संकट को हमारे सामने लाती है. गुप्त तरीकों और आधुनिकतम प्रौद्योगिकी के जरिए टीम आपको ऐसी जगहों पर ले जाती है जहां कोई नहीं जा सकता और कई रहस्य खोलती है.
विरुंगा (2014)
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो का विरुंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया की उन एकलौती जगहों में से है जहां अभी भी जंगली पहाड़ी गोरिल्ला पाए जाते हैं. लेकिन उद्यान और उसमें रहने वालों पर शिकारियों, सशस्त्र लड़ाकों और प्राकृतिक संसाधनों को लूटने की मंशा रखने वाली कंपनियों की वजह से खतरा है. इस फिल्म में आप मिलते हैं ऐसे लोगों के एक समूह से जो इस उद्यान को और इन शानदार जंतुओं को बचा कर रखना चाहते हैं.
काऊस्पिरसी: द सस्टेनेबिलिटी सीक्रेट (2014)
यह एक क्राउड-फंडेड डॉक्यूमेंट्री है जो पर्यावरण पर भोजन के लिए पशु-पालन के असर की तफ्तीश करती है और यह जानने की कोशिश करती है कि क्यों दुनिया के अग्रणी पर्यावरण संगठन इसके बारे में बात करने से घबराते हैं. यह फिल्म दावा करती है कि पर्यावरण के विनाश का प्राथमिक स्त्रोत और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार फॉसिल जीवाश्म ईंधन नहीं बल्कि भोजन के लिए किया जाने वाला पशु-पालन ही है.
इयर्स ऑफ लिविंग डेंजरस्ली (2014)
यह एम्मी पुरस्कारों से नवाजी डॉक्यूमेंट्री की सीरीज है जिसमें कई सेलिब्रिटी जलवायु संकट और उसके असर पर दुनिया के कोनों कोनों में जा कर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का साक्षात्कार लेते हैं. लेकिन इन लोगों की स्टार-पावर पर ध्यान केंद्रित करने की जगह यह सीरीज जलवायु संकट से प्रभावित आम लोगों के जीवन पर रोशनी डालती है और यह दिखाती है कि कैसे हम अपनी दुनिया को आगे की पीढ़ियों के लिए बचा कर रख सकते हैं.