पर्यावरण: दुनिया के 20 सबसे जोखिम भरे शहरों में से 13 भारत में
दुनिया के जिन शहरों में पर्यावरण संबंधी विपत्तियों का सबसे ज्यादा जोखिम है, उनमें से सबसे ज्यादा शहर भारत में ही हैं. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण भविष्य भारत का ही लग रहा है.
भारत के शहरों पर खतरा
इस नई रिपोर्ट में दुनिया के 576 शहरों के जोखिम का आंकलन किया गया है. 100 सबसे ज्यादा जोखिम वाले शहरों में से 99 शहर एशिया में पाए गए. इनमें से 20 सबसे ज्यादा जोखिम वाले शहरों में से 13 भारत में हैं. रिपोर्ट को व्यापार में जोखिम का आंकलन करने वाली कंपनी वेरिस्क मेपलक्रॉफ्ट ने तैयार किया है.
बुरे हाल में दिल्ली
दिल्ली में हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन 576 शहरों में दिल्ली को दूसरा स्थान दिया है. भारत के दूसरे शहरों में चेन्नई तीसरे स्थान पर, आगरा छठे स्थान पर, कानपुर 10वे, जयपुर 22वे, लखनऊ 24वे और मुंबई 27वे स्थान पर हैं.
वायु प्रदूषण की कसौटी पर
कम से कम 10 लाख की आबादी वाले दुनिया के उन 20 शहरों को देखा गया जहां हवा की गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है, तो पाया गया कि इनमें पहला स्थान दिल्ली का है. इसके लिए पीएम2.5 के असर के आंकलन को ज्यादा अहमियत दी गई.
एशिया है इन जोखिमों का केंद्र
सबसे ज्यादा जोखिम वाले 100 शहरों में से 99 शहर एशिया में ही पाए गए. इनमें से 80 प्रतिशत शहर या तो भारत में हैं या चीन में. पूरी दुनिया के इन 576 शहरों में से 400 शहर ऐसे हैं जहां आयु को कम करने वाले प्रदूषण, कम होती पानी की आपूर्ति, घातक गर्मी, प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के असर के मिश्रण की वजह से "ज्यादा" या "अत्याधिक" जोखिम है.
सबसे ज्यादा जोखिम वाला शहर
प्रदूषण, बाढ़, तेज गर्मी जैसे हालात की मार झेल रही इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता इस सूचकांक में पहले स्थान पर है. आने वाले दिनों में जकार्ता में हालात और खराब ही होने का अनुमान है.
चीन की भी हालत खराब
पानी के प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित 50 शहरों में से 35 चीन में हैं. सबसे ज्यादा पानी की कमी झेल रहे 15 में से 13 शहर भी चीन में ही हैं.
जलवायु परिवर्तन और अफ्रीका
जलवायु परिवर्तन का सबसे गंभीर असर उप-सहारा अफ्रीका पर पड़ेगा. इस इलाके में जलवायु परिवर्तन के आगे सबसे कमजोर 45 में से 40 शहर हैं. सबसे ज्यादा आबादी वाले लागोस और किंशासा शहरों पर सबसे ज्यादा जोखिम है. दूसरे जोखिम वाले शहरों में मोनरोविया, ब्राज्जाविल, फ्रीटाउन, किगाली, आबिदजान और मोम्बासा शामिल हैं.
सामना करने की क्षमता कम
दुनिया के तापमान को बढ़ाने में अफ्रीका का योगदान सबसे कम है लेकिन इसका उस पर असर सबसे ज्यादा पड़ेगा. इसका कारण है ना सिर्फ गंभीर सूखा, गर्मी, तूफान और बाढ़ हैं, बल्कि यह इस वजह से भी होगा क्योंकि इन सबका सामना करने में अफ्रीका की क्षमता बहुत कम है. (एएफपी)