परिवहन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे भारत जर्मनी
१३ अक्टूबर २०१६पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जर्मनी दौरे के बाद भारत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं के विकास पर जोर दे रहा है. रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत जर्मनी की मझौली कंपनियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है. परिवहन मंत्री दोब्रिंट का भारत दौरा इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है. उनके साथ एक बड़ा कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी भारत गया है.
भारतीय रेल की रफ्तार बढ़ाने और सफर के समय को कम करने के लिए भारत जापान और चीन के अलावा जर्मनी के साथ भी सहयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. इसी सिलसिले में भारतीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु अप्रैल 2016 में जर्मनी आए थे. अब दोब्रिंट के भारत दौरे पर दोनों नेताओं की शुक्रवार को मुलाकात होगी और रेलवे के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के अलावा हाई स्पीड ट्रेन को भारत लाने पर भी चर्चा होगी. रेल अधिकारियों के अनुसार आपसी सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे.
भारत पहले भी रेल परिवहन के क्षेत्र में जर्मनी के साथ निकट सहयोग कर रहा है. जर्मनी रेल तकनीक में अग्रणी है. सीमेंस द्वारा बनाई गई रेलगाड़ी आईसीई का हाल ही में चौथा संस्करण आया है. जर्मनी में उच्च गति वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस गाड़ियां 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. भारत और जर्मनी के मंत्रियों की उपस्थिति में भारतीय रेल और जर्मन रेल की डीबी इंजीनियरिंग एंड कंसल्टिंग जीएमबीएच सहमति पत्र पर दस्तखत करेंगे.
जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश में मदद देने और जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए भारतीय दूतावास ने मेक इन इंडिया मिटेस्टांड नाम की पहलकदमी शुरू की है.