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नोट पर बैन: कहीं कतारें, कहीं आत्महत्या तो कहीं जलते नोट

११ नवम्बर २०१६

भारत में पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद करने के सरकार के फैसले से अफरातफरी फैली है. जहां देश भर में लोग घंटों एटीएम के बाहर लाइन लगाए खड़े हैं, वहीं आत्महत्या और नोटों को जलाने के मामले भी सामने आ रहे हैं.

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Indien Straßenverkäufer mit Geldscheine Archiv 2013
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Rout

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट अब नहीं चलेंगे और उनकी जगह नए नोट आएंगे. इसके बाद, आंध्र प्रदेश के महबूबाबाद में रहने वाली 55 वर्षीय कांड़ुकुरी विनोदा को लगा कि उनका सारा नकद पैसा बर्बाद हो जाएगा. स्थानीय पुलिस अफसर राज ने बताया, "परिवार ने हमें बताया कि वह नोटों पर प्रतिबंध की खबर से बहुत सदमे में थी और उसने खुद को फांसी लगा ली.”

विनोदा ने पिछले महीने ही अपनी कुछ जमीन बेची थी जिसके उसे 55 लाख रुपये नकद मिले थे. स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार विनोदा ने इसमें से कुछ रकम का इस्तेमाल अपने पति के इलाज के लिए किया जबकि बाकी रकम से वह एक प्लॉट खरीदना चाहती थी.

भारत में जब से पांच सौ और एक हजार के नोट बंद हुए हैं, तब से लोगों में हड़कंप है. उत्तर प्रदेश में पुलिस ऐसी खबरों की जांच कर रही है कि कई लोग जुर्माने या सजा से बचने के लिए नोटों के बोरे जला रहे है. बरेली जिले के पुलिस प्रमुख जोगिंदर सिंह ने बताया, "हमने कुछ नूमने फॉरेंसिक टेस्ट के लिए भेजे हैं और बैंक अधिकारियों ने जांच करने को कहा है कि क्या जलाए गए बोरे नोटों से ही भरे थे.”

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सरकार ने इस साल चार महीने का समय देते हुए लोगों से अपना काला धन सार्वजनिक करने को कहा था. बताया जाता है कि इस योजना के तहत 10 अरब डॉलर की छिपी रकम सामने आई. लेकिन पिछले महीने यह समयसीमा खत्म हो गई और अब जिसके पास भी काला धन मिलेगा, उस पर 200 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जाएगा.

सरकार का कहना है कि काले धन पर रोक लगाने के लिए पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद किए गए हैं. लेकिन इससे आम लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा है. देश भर में एटीएम मशीनों के सामने लोगों की लंबी लाइनें लगी हैं.

कई जगह एटीएम न चलने से लोगों में नाराजगी भी है. लोगों को पैसे निकालने के लिए घंटों घटों इंतजार करना पड़ रहा है. यही नहीं, लोग 18 नवंबर तक एक दिन में एक कार्ड से सिर्फ दो हजार रुपये निकाल सकते हैं. 19 नवंबर से उन्हें एक दिन में चार हजार रुपये निकालने की अनुमति होगी.

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि स्थिति को सामान्य होने में कम से कम 10 दिन का समय और लग सकता है. भारत में लगभग दो लाख एटीएम मशीनें हैं, लेकिन अभी तक उनसे ज्यादातर पांच सौ और एक हजार के नोट की निकलते थे. अब उन्हें 100 रुपये और दो हजार रुपये के नए नोट निकालने के लिए प्रोग्राम किया जा रहा है.

24 वर्षीय रीमा चौधरी की बहन की जल्द शादी होने वाली है. वो बताती हैं कि कुछ दिनों पहले ही उनके घरवालों ने बैंक से पैसे निकाले और बैंक ने 1000 हजार रुपये के नोट में रकम दी थी. लेकिन अब वे नोट चल नहीं रहे हैं जिससे बहुत परेशानियां हो रही हैं.

वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि बैंक में पुराने नोट जमा करने के लिए हड़बड़ी की जरूरत नहीं है क्योंकि 30 दिसंबर में अभी बहुत समय पड़ा है. उन्होंने कहा कि छोटी बचत वाले आम लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं होगी, बल्कि जिनके पास बड़ी अघोषित दौलत है, उन्हें अब नतीजे भुगतने होंगे.

लेकिन विपक्ष ने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उस पर इमरजेंसी जैसे हालात पैदा करने का आरोप लगाया है. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी गरीब विरोधी है.” उनका कहना है कि जिन लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं, उन्हें सरकार के फैसले की सीधी मार झेलनी पड़ रही है.

एके/वीके (एएफपी, पीटीआई, डीपीए)

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