नामीबिया की सैर
सैलानियों की बड़ी संख्या, सामाजिक कार्यक्रम से मुनाफा और लोगों की भागीदारी, क्या यह हो सकता है. अफ्रीकी देश नामीबिया ने यह कर दिखाया है.
एक से बढ़ कर एक
नामीब मरुस्थल, अटलांटिक तट और कालाहारी के रेगिस्तान देखने हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग आते हैं. खनन और मछली पालन के बाद यहां पर्यटन तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है.
तरह तरह के जानवर
संविधान में पर्यावरण की सुरक्षा का जिक्र करने के मामले में नामीबिया दुनिया के गिने चुने देशों में है. इसका नतीजा यह हुआ है कि करीब 15 फीसदी जमीन को प्राकृतिक संरक्षित इलाका घोषित किया गया है.
प्रकृति की निगरानी
पर्यटन में लगा हर कर्मचारी पांच लोगों की देखभाल कर सकता है. छह बच्चों के पिता इसी करेरुआ को अपना काम बहुत पसंद है. उनका कहना है, "मैं लोगों को वो चीजें दिखाना पसंद करता हूं, जिसके बारे में उन्हें कोई आइडिया भी नहीं होता."
पार्क की चिंता
नामीबिया का पर्यटन मंत्रालय राष्ट्रीय पार्क मैनेजमेंट चलाता है. इसका काम जैव विविधता बनाए रखना और इसमें लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है. इससे कई ग्रामीण इलाकों में वित्तीय स्थिति भी सुधरी है. विश्व वन्यजीव कोष ने नामीबिया को 2013 में पुरस्कृत भी किया है.
रेगिस्तान से प्यार
टॉमी कोलार्ड भले ही टूअर गाइड हों लेकिन उन्हें इस जगह से बेहद प्यार है. वह नामिब मरुस्थल को किसी अखबार की तरह पढ़ सकते हैं और उन्हें यहां के चप्पे चप्पे की जानकारी है.
चीतों की पनाहगाह
अफ्रीका और एशिया में सिर्फ 10,000 चीते बचे हैं. इनकी संख्या तेजी से घट रही है. दुनिया भर के एक तिहाई चीते नामीबिया में रहते हैं. इनकी सुरक्षा के लिए यहां चीता कंजर्वेशन फंड (सीसीएफ) भी बना है.
चीता, मेरे साथी
लंदन के ब्रायन बैजर चीतों के साथ ही रहते हैं. वह पहले यूगांडा में शेरों के साथ काम कर चुके हैं और अब सीसीएफ के साथ काम कर रहे हैं. वह लोगों को बताते हैं कि जंगली जीवों के साथ तकरार नहीं लेना चाहिए.
संकट का जंगल
यह काले कंटीले अकासिया के पौधे हैं. एक बार उगने के बाद ये तेजी से फैलते हैं और नामीबिया के मरुस्थल में ढाई करोड़ हेक्टेयर में ये फैल गए हैं. यहां कुछ और नहीं उगता लेकिन इससे बने ब्रिकेट का इस्तेमाल ओहोरोंगो के आधुनिक सीमेंट फैक्टरी में हो रहा है.
रेत तले बसेरा
प्रकृति का सच्चा आनंद यहीं लिया जा सकता है, नामिबरैंड नेचर पार्क में. यह करीब दो लाख हेक्टेयर भूमि में फैला है और दक्षिणी अफ्रीका में सबसे बड़ा निजी प्राकृतिक पार्क है. बिजली सौर ऊर्जा से पैदा होती है और बचे हुए खाने से खाद बनता है.
समुदाय का पार्क
प्रकृति के संरक्षण में लोगों की भी भागीदारी है. स्थानीय निकाय तय करती हैं कि लॉज कहां बनना है और शिकार कहां किया जा सकता है. इसके बदले उन्हें मुनाफे का 40 फीसदी मिलता है.