नाटकीय अंदाज में तिहाड़ से रिहा हुआ कन्हैया
३ मार्च २०१६करीब तीन हफ्ते बाद कन्हैया कुमार की रिहाई हो गयी. कहीं कोई हिंसक गतिविधि ना हो, इसका ध्यान रखते हुए दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने खूब सुरक्षा के बीच कन्हैया को जेल से निकाला. इस दौरान तिहाड़ जेल के तीन गेटों पर सुरक्षा कड़ी की गयी. तीनों ही गेटों पर मीडिया कन्हैया के इंतजार में खड़ी रही लेकिन पुलिस ने मीडिया को खबर दिए बिना उसे तिहाड़ के रिहायशी कॉम्प्लेक्स से बाहर निकाला. कन्हैया को छोड़ने के लिए पुलिस की तीन गाड़ियां भेजी गयीं. जेएनयू के छात्रों को उम्मीद है कि गुरूवार रात कन्हैया कैम्पस में स्पीच देगा.
कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को जेएनयू से गिरफ्तार किया गया था. उस पर देशद्रोही नारे लगाने का आरोप है. हाईकोर्ट ने कहा है कि यह साबित नहीं किया जा सका है कि कन्हैया इस तरह की गतिविधि में शामिल था लेकिन फिलहाल उसे छह महीने की अंतरिम जमानत दी गयी है और जांच अधिकारियों के साथ सहयोग करने को कहा गया है. हाईकोर्ट का फैसला भी कम नाटकीय नहीं रहा है. जज प्रतिभा रानी ने फैसले की शुरुआत उपकार फिल्म के गाने "मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती" से की.
दिल्ली में अलर्ट
बुधवार को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली पुलिस ने चेतावनी दी है कि शहर में कई जगहों पर हिंसा भड़क सकती है. दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस और पीसीआर को आगाह किया है कि जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर और आसपास के इलाकों में आइसा और एबीवीपी के बीच हिंसक प्रदर्शन होने की आशंका है. पुलिस नोटिस में लिखा गया है, "बेल मिलने पर हो सकता है कि कन्हैया जंतर मंतर, जेएनयू और डीयू में बड़ी संख्या में अपने समर्थकों को ले कर जाए. इनमें अधिकतर आइसा और एआइएसएफ छात्र संगठनों के होने की उम्मीद है और कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की उपस्थिति भी हो सकती है."
इसमें आगे लिखा है कि ऐसा मुमकिन है कि एबीवीपी और अन्य दक्षिणपंथी पार्टियां या फिर कुछ नेता इस तरह की रैलियों को रोकने की कोशिश करें और इसका नतीजा हिंसक हो, "स्थिति की संवेदनशीलता और मामले की गंभीरता को देखते हुए, कड़ी सुरक्षा और उपयुक्त संख्या में स्थानीय पुलिस और महिला पुलिसकर्मियों का मौजूद होना जरूरी है."
दिल्ली पुलिस ने पहली बार यह नोटिस तब जारी किया था जब उसने हाईकोर्ट में कन्हैया की जमानत के खिलाफ अर्जी दी थी. इसके बाद बुधवार को अदालत के फैसले के बाद इसे फिर से जारी किया गया.