नवाज शरीफ और उनकी बेटी को रिहा करने का हुक्म
१९ सितम्बर २०१८अदालत ने पिछले जुलाई में नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद मुहम्मद सफदर के खिलाफ दिए गए फैसले पर रोक लगा दी है. तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को जुलाई में भ्रष्टाचार के आरोप में दस साल कैद की सजा सुनाई गई थी. लंदन में एक महंगा फ्लैट खरीदने संबंधी मुकदमे में उनकी बेटी मरियम को 8 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
नवाज शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और उनके दामाद कैप्टन सफदर के खिलाफ फैसले को निलंबित कर दिया है और उन्हें अंतिम फैसला आने तक जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है." इन तीनों लोगों को 5 लाख पाकिस्तानी रुपये यानी करीब 4 हजार डॉलर की जमानत देने के बाद रिहा कर दिया जाएगा. देश में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली एजेंसी के पास इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का आधिकार है.
पनामा पेपर्स में उनकी कुछ संपत्तियों का ब्यौरा सामने आने के बाद नवाज शरीफ के खिलाफ पाकिस्तान में कार्रवाई शुरू हुई थी. नवाज शरीफ ने जुलाई के मध्य में जेल जाने के तीन दिन बाद फैसले के खिलाफ अपील की थी. अपील में उन्होंने कहा था कि फैसले का आधार कोई सबूत नहीं है. उनके समर्थकों ने जुलाई के अंत में हुए संसदीय चुनाव से कुछ पहले आए फैसले को राजनीतिक साजिश बताया था. बहुत से लोगों का मानना है कि उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए ही जेल में डाला गया था. नवाज शरीफ और उनकी बेटी को चुनाव से ठीक पहले जुलाई में पाकिस्तान पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया था. वो चुनाव प्रचार के लिए पाकिस्तान आए थे. उनका यह भी कहना था कि देश की सेना ने उन्हें जान बूझ कर निशाना बनाया. इसी साल 25 जुलाई को हुए चुनाव में उनकी पार्टी हार गई और पूर्व क्रिकेट इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ सरकार बनाने में कामयाब हुई.
इस दौरान नवाज शरीफ की पत्नी का देहांत भी हो गया. उन्हें और उनकी बेटी-दामाद को पैरोल पर रिहा किया गया है ताकि वो अंतिम संस्कार में हिस्सा ले सकें.
नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के बाद उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ पार्टी का नेतृत्व संभाल रहे हैं. बुधवार को आए फैसले के बाद उन्होंने ट्वीट किया है, "सच सामने आ गया है और झूठ भाग गया."
एनआर/ओएसजे (एएफपी)