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डेनमार्क का हॉलीडे सेक्स

३१ मार्च २०१४

डेनमार्क की एक ट्रैवल कंपनी ने दावा किया है कि वह देश में जन्म दर बढ़ाने के लिए ज्यादा दंपतियों को पेरिस जैसे रोमांटिक शहरों में छुट्टियों के लिए भेजेगा.

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तस्वीर: picture-alliance/Godong/Robert Harding

ट्रैवल एजेंसी ने इस अभियान का नाम "डू इट फॉर डेनमार्क" यानि "डेनमार्क के लिए करो" रखा है. ब्रिटिश कंपनी थॉमस कुक की डेनिश ब्रांच ने दो मिनिट लंबे वीडियो में दिखाया है कि डेनमार्क में जन्मदर पिछले 27 साल में सबसे कम है. सड़कें, मकान, मैदान खाली पड़े हैं क्योंकि बच्चे ही नहीं है, देश के लोग बूढ़े हो रहे हैं. और यही डेनमार्क की सबसे बड़ी समस्या है.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के एक सर्वे में सामने आया कि डेनमार्क दुनिया का सबसे खुश देश है लेकिन कैंपेन की दलील है कि ये फिर भी सेक्सिस्ट नहीं है.

वीडियो में एक युवा डेनिश दंपति को दिखाया गया है और स्केंडेनेविया के ग्रे और दुखी करने वाले माहौल के विपरित जीवंत और रंगीन पेरिस दिखाया गया जिसमें ये दंपति खुश है और आइफिल टावर के सामने नाच रहे हैं और उत्तेजक कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं.

वीडियो में मॉडरेटर कहता है, "एमा से मिलिए, ये डेनिश हैं लेकिन भले ही उनकी पैदाइश और पालन पोषण डेनमार्क में हुआ हो, उनके बीज यहां पड़े थे, ठीक वहां, उस होटल रूम में."

इतना ही नहीं इस विज्ञापन का दावा है कि डेनमार्क के 46 फीसदी लोग तब ज्यादा संभोग करते हैं जब वे छुट्टियों पर होते हैं और इसलिए देश की 10 फीसदी जनसंख्या छुट्टियों में प्लान होती है यानी इतने बच्चे किसी छुट्टी के कारण पैदा होते हैं.

तीन साल तक फ्री नैपी

ट्रैवल ग्रुप कहता है, "डेनमार्क के भविष्य को बचाने के लिए हम रोमांटिक सिटी हॉलीडे का प्रस्ताव रखते हैं. आखिरकार इससे कल हमारे ही धंधे को फायदा होगा."

2012 में डेनमार्क में जन्मदर गिर कर 17 फीसदी हो गई थी. एक हजार लोगों में औसतन सिर्फ 10.4 बच्चे पैदा करने वाले इस देश की दर नॉर्डिक देशों में सबसे कम थी.

इससे बचने के लिए कंपनी ने ओव्यूलेशन डिस्काउंट देने की शुरुआत की है, ताकि महिला और कंपनी दोनों को फायदा हो. जो दंपति पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट के फोटो और अपने ट्रैवल की बाकी जानकारी देगा, उसे तीन साल तक नैपी की फ्री सप्लाई दी जाएगी और फैमिली हॉलीडे भी.

यूट्यूब पर जारी होने के दिन ही इस पर साढ़े तीन लाख क्लिक आ गए. कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, "हमें दुनिया भर से फीडबैक मिला है."

एएम/आईबी (एएफपी)