सत्या का माइक्रोसॉफ्ट
५ फ़रवरी २०१४46 साल के नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का नया सीईओ बनाया गया है. कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स, जो पहले निदेशक मंडल के अध्यक्ष थे, अब बोर्ड में संस्थापक और तकनीकी सलाहकार की भूमिका निभाएंगे और कंपनी को ज्यादा समय देंगे.
कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित इंटरव्यू में नडेला ने कहा कि उन्होंने काफी गहरा विचार किया कि वह सीईओ क्यों बनना चाहते हैं और उन्हें जवाब मिला, "सॉफ्टवेयर की ताकत वाली दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट से बेहतर जगह और क्या है. हमारे पास एक लाख 30,000 लोगों की क्षमता है और इसका इस्तेमाल हम लगातार सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वाली दुनिया के लिए कर सकते हैं. यही संभावना मुझे आगे ले जाती है और इसी ने मुझे इस पद पर आने के लिए प्रेरित किया. इस नौकरी के लिए मैंने अपना हाथ उठाया."
बाद में नडेला ने एक इंटरव्यू में कहा कि माइक्रोसॉफ्ट को आगे ले जाने के लिए वह इनोवेशन यानी नई चीजों पर जोर देंगे. "हमारा काम रोमांचक है क्योंकि यह परंपरा को नहीं पोसता, कि हमने पहले क्या किया था. मुद्दा नई तकनीक और सोच का है, आगे जाने का है. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का साथ में विकास काफी कुछ पारिभाषित करेगा कि आगे क्या होने वाला है. हम क्लाउड फर्स्ट और मोबाइल फर्स्ट की दुनिया में हैं. ये दुनिया हम बना रहे हैं, जो सॉफ्टवेयर के जरिए चलेगी."
हैदराबाद से अमेरिका पहुंचे नडेला ने कहा, "काम के दौरान ऑनलाइन मीटिंग का या मैं अपने दोस्तों से कैसे संपर्क बनाऊं और इंटरटेनमेंट, सब कुछ सॉफ्टवेयर से बदल जाएगा. ये जगहें हैं, जहां माइक्रोसॉफ्ट पूरी तरह अपना इनोवेशन लाने की तैयारी में है. हर दिन आप यहां आते हैं और अपना आकलन करते हैं. जो आपने पहले किया है वो पीछे चला जाता है. हम लगातार सोचते हैं कि भविष्य के लिए क्या नया कर सकते हैं."
22 साल से माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहे नडेला कहते हैं कि अभी भी उन्हें काफी नई चीजें सीखनी हैं. एक अन्य वीडियो में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि नडेला के सीईओ बनने पर वह रोमांचित हैं. उन्होंने कहा, "नडेला के पास इस कंपनी को इस दौर में आगे ले जाने की सही पृष्ठभूमि है. उन्होंने हमेशा नए काम को आगे बढ़ाया है और संरचना का ऐसे इस्तेमाल किया है, जो कंपनी के ग्राहकों की जरूरतों के लिए एकदम सही है. मैं रोमांचित हूं कि सत्या ने मुझे आगे आने के लिए कहा जिससे मेरी कंपनी में मौजूदगी बढ़ेगी. अपने समय का एक तिहाई हिस्सा मैं प्रोडक्ट ग्रुप से मिलने में लगाऊंगा. आने वाले उत्पादों के लिए साथ में काम करने में मजा आएगा.
22 साल से
सत्या नडेला 100 उम्मीदवारों में से छंट कर सीईओ बने. वह 1990 के दशक में ऐसे समय माइक्रोसॉफ्ट में आए, जब गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां कहीं नहीं थीं.
पांच महीने की तलाश के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें सीईओ चुना है. हालांकि यह आलोचना भी है कि माइक्रोसॉफ्ट घिसटती हुई कंपनी है, जो कम जोखिम उठाना चाहती है और जिसे गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर है. इतना ही नहीं माइक्रोसॉफ्ट पर चलने वाले पीसी की बिक्री लगातार कम हो रही है. चुनौतियों और आलोचना के बावजूद माइक्रोसॉफ्ट पैसे कमाने वाली मशीन बनी हुई है. नडेला को कंपनी सॉफ्टवेयर और गैजेट को क्लाउड कंप्यूटिंग से जोड़ने वाला बनाती है. तकनीकी विशेषज्ञता के लिए नडेला की हमेशा तारीफ की जाती है.
एएम/एजेए (पीटीआई,एएफपी)