नक्सलियों से बातचीत बेकार हैः बीजेपी
८ अप्रैल २०१०मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने उन सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाया है जो नक्सली हिंसा के मानववादी पहलू को पेश करने की कोशिश करते हैं. पार्टी का कहना है कि जब इस हिंसा में आम लोग मारे जाते हैं तो ये लोग चुप्पी साध लेते हैं लेकिन माओवादियों को निशाना बनाया जाता है तो बहुत हायतौबा मचाते हैं.
बीजेपी प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "नक्सलियों के इरादे बहुत साफ हैं. इसलिए हमें भी अपने इरादों के प्रति स्पष्ट होना पड़ेगा. बीजेपी मानती हैं कि उनसे बातचीत की कोई तुक नहीं है. इस तरह की बातें ही बेकार हैं."
बीजेपी ने कहा कि सरकार माओवादियों के खिलाफ दृढ़ संकल्प और पूरे तालमेल के साथ कार्रवाई करे. इसमें सेना और वायुसेना के इस्तेमाल जैसे फैसले लेने की जिम्मेदारी सरकार के ऊपर है.
प्रसाद ने कहा कि गृह मंत्री पी चिदंबरम को यह बात समझनी चाहिए कि देश को उग्रवाद विरोधी एक सटीक योजना की जरूरत है. उनके मुताबिक, "भारत का विचार ही नक्सलियों के लिए अटपटा है. उनके लिए लोकतांत्रिक नियमों और इंसानी जिंदगियों की कोई अहमियत नहीं है."
गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा, "वह अकसर कहते हैं कि अगर नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ दें तो उनसे बात हो सकती है. यह दिलचस्प चरण है." बीजेपी का कहना है कि नक्सल विरोधी अभियान में कामयाबी के लिए सरकार को खुफिया जानकारी जुटाने, सुरक्षा बलों को बेहतर ट्रेनिंग और साजोसामान देने पर और ध्यान केंद्रित करना होगा.
नक्सलियों के उद्देश्यों को हिमायत करने वाले लोगों पर बीजेपी खूब बरसी है. प्रसाद ने कहा, "मानवाधिकारों और नक्सली वार्ता पर स्वयंभू सरपरस्त पत्रिकाओं में 25 पन्नों के लेख लिखते हैं. जब दो या दस नक्सली मारे जाते हैं तो वह खूब आलोचना करते हैं, लेकिन जब नक्सली निर्दोष आम लोगों को मारते हैं तो वे चुप्पी साध लेते हैं." बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ये सामाजिक कार्यकर्ता मानवाधिकारों पर दोहरे मापदंड रखते हैं.
बीजेपी ने नक्सलियों के इन दावों को भी खारिज किया है कि वे विकास के लिए लड़ रहे हैं और उन्हें स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि नक्सलियों ने 2008 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चु्नावों का खुलकर विरोध किया था लेकिन फिर भी नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों में बड़ी संख्या में लोग वोट डालने आए.
इनमें बस्तर में 74.80 प्रतिशत, कोंडगांव में 78.70 प्रतिशत, जगदलपुर में 71.78 प्रतिशत और दंतेवाडा़ में 56.4 प्रतिशत मतदान हुआ. प्रसाद ने कहा, "आदिवासी लोगों के पास सिर्फ वोट का हथियार है और उन्होंने नक्सलियों को खारिज किया है. नक्सलियों को चुनाव के जरिए अपनी लोकप्रियता परखनी चाहिए."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़