धोखाधड़ी के केस में शारापोवा का भी नाम
२१ नवम्बर २०१७पांच ग्रैंड स्लैम जीत चुकीं मारिया शारापोवा ने गुरुग्राम में एक लग्जरी हाउसिंग सोसाइटी प्रोजेक्ट का प्रचार किया था. कुछ साल बाद प्रोजेक्ट लड़खड़ा गया. एक खरीदार के वकील पीयूष सिंह के मुताबिक सोसायटी बनाने वाली कंपनी ने खरीदारों से करोड़ों रुपये लिये और बाद में प्रोजेक्ट ढेर कर दिया. मुख्य आरोपी होम्सटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बनाया गया है.
शारापोवा 2012 में इस प्रोजेक्ट का उद्धाटन करने भारत आई थीं. वादे के मुताबिक फर्म को लग्जरी मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट वाले कॉम्पेक्स बनाने थे. कॉम्पेक्स को "शारापोवा का बैले" नाम दिया गया. इच्छुक लोगों से वादा किया गया कि सोसायटी के भीतर एक टेनिस अकादमी, एक क्लबहाउस और एक हेलीपैड भी होगा. प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर शारापोवा का बयान भी था, जिसमे वह कहती हैं, "मालिकों को अहसास कराया जाए कि वे किसी खास और अलग चीज के मालिक हैं."
ड्रग टेस्ट में फेल हुई टेनिस सनसनी मारिया शारापोवा
वकील पीयूष सिंह के मुताबिक, "कोई भी मशहूर हस्ती अगर किसी प्रोजेक्ट का विज्ञापन करती है तो तकनीकी रूप से वह उस कंपनी की एजेंट बन जाती है. अगर शारापोवा का नाम नहीं होता तो इस प्रोजेक्ट में कोई निवेश नहीं करता."
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में यह प्रोजेक्ट 2016 में पूरा होना था. पीयूष सिंह के मुताबिक इच्छुक लोगों से करोड़ों रुपये लेने के बाद बिल्डरों ने काम रोक दिया. पुलिस ने फिलहाल मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है. मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही है. समाचार एजेंसी एएफपी ने बिल्डरों और शारापोवा से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक शारापोवा ने 2015 में तीन करोड़ डॉलर कमाए. इनमें से 2.3 करोड़ डॉलर उन्होंने विज्ञापनों से कमाए, जिनमें गुरुग्राम वाला प्रोजेक्ट भी शामिल है. डोपिंग में फंसने वाली शारापोवा ने हाल ही में 15 महीने बाद खेल में वापसी की है.
(खेलों से कमाई का रिकॉर्ड)
ओएसजे/एमजे (एएफपी)