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धरती को बचाने की एक कोशिश ये भी

२७ जून २०१०

आपकी एक छोटी सी कोशिश जलवायु समस्या के प्रति लोगों में जागरूकता ला सकती है. ब्राज़ील के 28 साल के ब्रुनो रेज़ेंदे ने यह शुरुआत इंटरनेट पर एक ब्लॉग लिख कर की. 12 साल के फेलिक्स फिंकबाइनर यही काम पेड़ लगाकर कर रहे हैं.

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कैसे बची रहे धरती?तस्वीर: AP/NASA

ब्रुनो रेजे़दे को उनके ब्लॉग के लिए डॉयचे वेले के ग्लोबल मीडिया फोरम में अवार्ड भी मिला. पर्यावरण सम्मत पर्यटन, वातावरण और सामान्य ज्ञान पर चर्चा की है ब्राज़ील के अट्ठाईस वर्षीय ब्रुनो रेज़ेंदे ने. ब्लॉग का नाम है "कौलुना ज़ीरो". कौलुना ज़ीरो की शुरुआत एक विडियो ब्लॉग से हुई थी.

ब्रुनो रेज़ेंदे अपनी दूसरी यात्राओं की तस्वीरें इन्टरनेट पर लगाना चाहते थे. कैमरा ख़राब हो जाने की वजह से ब्रुनो ने पर्यावरण सम्मत पर्यटन और वातावरण पर ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया. अपने इस ब्लॉग में उसने रिओ डी जेनेरियो में दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले पैकेटों के बारे में लिखा है. ब्रुनो रेज़ेंदे बताते हैं कि उन्होंने यह ब्लॉग इसलिए लिखा क्योंकि वो बाज़ार में इन पैकेटों के बढ़ते दाम को लेकर बहुत परेशान था. यह एक आम पैकेट है. लेकिन इसके पीछे बाज़ार की रणनीति है. वे इन पैकेटों पर हरा चिन्ह केवल पैसे कमाने ले लिए लगाते हैं. इस मोड़ पर मैं यही कह सकता हूं कि हम बाज़ार की रणनीति और पर्यावरण को मिला रहें हैं. हम पर्यावरण को बचाने की कोशिश में ज्यादा पैसे देने को तैयार हैं, लेकिन इसका ग़लत फ़ायदा उठाया जा रहा है.

रेज़ेंदे रिओ डी जेनेरियो में एक कला निर्देशक हैं. वे विज्ञापन के सहारे अपनी रोजी-रोटी चलते है, क्योंकि ब्लॉग लिखने से उन्हें पैसे नहीं मिलते.वो नहीं चाहते कि विज्ञापनों के सहारे जीएं. वो कहते हैं 'मेरे पास कोई और रास्ता होता तो मैं केवल ब्लॉग लिखता लेकिन उसका अपने काम के लिए प्रचार नहीं करता. मैं अपने ब्लॉग से लोगों को सतर्क करना चाहता हूं.'

Felix Finkbeiner
दुनिया भर में पेड़ लगाने की शपथतस्वीर: DW

जर्मनी के बारह साल के बच्चे फेलिक्स फिंकबाइनर भी अपनी छोटी सी कोशिश के जरिए धरती को बचाने में जुटे हैं. फेलिक्स की ये मुहिम अब दुनिया भर में लाखों बच्चों के लिए आदर्श बन गयी है. फेलिक्स अपने दोस्तों के साथ सारी दुनिया में पेड़ लगाना चाहते हैं. फेलिक्स को स्कूल में जलवायु पर्तिवर्तन पर एक प्रोजेक्ट करना था. उन्होंने इन्टरनेट पर रिसर्च शुरू की तो पता चला कि, अफ्रीका में वंगारी मथाई नाम की एक महिला हैं, जिन्होंने तीस सालों में तीस लाख नए पेड़ लगायें हैं. फेलिक्स इससे बहुत प्रभावित हुए और स्कूल प्रोजेक्ट के बाद अपनी टीचर और दोस्तों के साथ मिलकर हर देश में एक पेड़ लगाने की शपथ ले ली.

फेलिक्स की पर्यावरण को बचाने की इस कोशिश में, तीन सालों में जर्मनी में एक लाख पेड़ लगाये गए हैं. प्रोजेक्ट का नाम है "प्लांट फॉर द प्लैनेट". कोशिश है की बच्चे बच्चों से सीखें.फेलिक्स कहते हैं, "हम बच्चों को लगता है की हमें बुद्धू बनाया जा रहा है. हम बेवक़ूफ़ नहीं हैं. हमें भी पता है कि कोपेनहागन में क्या फैसला हुआ है. लेकिन क्या निकला उसका परिणाम?"

उम्र बारह साल, भोला सा चेहरा उस पर छोटा सा चश्मा भी, लेकिन बातें बड़ी- बड़ी. फेलिक्स को अपने इस प्रोजेक्ट पर गर्व है. उसे ख़ुशी इस बात की है कि अपने इस प्रोजेक्ट की वजह से उसे दुनिया भर में घूमने को मिलता है.

तो आप भी कीजिये एक छोटी सी कोशिश और घूमिये सारी दुनिया.

रिपोर्टः जैसू भुल्लर

संपादनः एन रंजन