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धरती के बगल से गुजरेगा स्टेडियम जितना बड़ा क्षुद्र पिंड

ओंकार सिंह जनौटी
५ जून २०२०

छह जून को ब्रह्मांड में आवारा घूम रही बड़ी चट्टान पृथ्वी के करीब से गुजरेगी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक यह चट्टान बार बार धरती के अगल बगल से गुजरती रहेगी.

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फाइल फोटो
तस्वीर: Imago Images/Science Photo Library

नासा ने अपने एस्टेरॉयड वॉच पेज में इसकी जानकारी दी है. अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक 1,100 फुट बड़ा क्षुद्र पिंड शनिवार को पृथ्वी के पास से गुजरेगा. इस दौरान धरती और पिंड के बीच दूरी 31.6 लाख मील होगी. नंगी आंखों से इसे देखना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि जिसे ब्रह्मांड के मामले में करीब कहा जा रहा है, वो भी धरती और चांद की दूरी से 13 गुना ज्यादा है.

पिंड को 2002 एनएन4 नाम दिया गया है. यह 11.15 किलोमीटर प्रति सेकेंड (39,976.1 किमी प्रतिघंटा) की रफ्तार से गुजरेगा. अमेरिकी समयानुसार पिंड शनिवार तड़के 3:24 मिनट के आस पास धरती से न्यूनतम दूरी पर होगा.

नासा ने ब्रह्मांड में भटकती इस चट्टान को आकार की वजह से "संभावित खतरनाक ऑब्जेक्ट” की श्रेणी में रखा है. ऐसी श्रेणी में उन पिंडों को रखा जाता है जिनका आकार 492 फीट से बड़ा हो और वे धरती के आस पास 46 लाख मील के दायरे में आते हों.

भटकते पिंडो से खतरा

नासा के मुताबिक इस साल जून के महीने में पृथ्वी के पास से कम से कम 24 क्षुद्र पिंड गुजरेंगे.

2002 एनएन4 से पृथ्वी सामना बार बार होगा. 11 जनवरी 2021 को यह फिर पृथ्वी के पास से गुजरेगा. नासा ने अपनी गणनाओं से इसके 14 नवंबर 2197 तक पृथ्वी के आस पास मंडराने का अनुमान लगाया है.

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क्या हैं क्षुद्र पिंड और उल्का पिंड

ब्रह्मांड में भटकने वाली ऐसी चट्टानों को क्षुद्र पिंड कहा जाता है. ये पिंड ब्रह्मांड में तब तक भटकते रहेंगे जब तक ये किसी दूसरे पिंड या ग्रह से टकरा नहीं जाते. पृथ्वी समेत दूसरे ग्रहों पर ऐसे पिंडों की टक्कर से बने विशाल गड्ढे आज भी मौजूद हैं. बहुत ही छोटे क्षुद्र पिंड जब धरती या किसी दूसरे ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश करते समय घर्षण से जलने लगते हैं, तो उन्हें उल्का पिंड कहा जाता है.

फाइल फोटो
तस्वीर: Imago Images/Science Photo Library

क्षुद्र पिंड या ग्रह जब तक पृथ्वी से दूर हैं तब तक धरती पर जीवन को इनसे खतरा नहीं है. लेकिन अगर ऐसे बड़े पिंड पृथ्वी के वायुमंडल को चीरते हुए धरती से टकराए तो विनाश निश्चित है. वैज्ञानिकों के मुताबिक 6.6 करोड़ साल पहले ऐसा ही एक विशाल पिंड धरती से टकराया था. उसकी चौड़ाई 10 से 15 किलोमीटर के आस पास थी. वह क्षुद्र पिंड इतनी तेज रफ्तार से टकराया कि धरती पर 150 किलोमीटर व्यास का गड्ढा बन गया. माना जाता है कि डायनोसोरों समेत कई जीवों की सफाये की शुरुआत उसी टक्कर से हुई. मेक्सिको को युकाटान प्रायद्वीप में आज भी उस टक्कर के सबूत दिखाई पड़ते हैं.

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