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दो अमरीकियों और एक ब्रिटिश को नोबेल

११ अक्टूबर २०१०

अर्थशास्त्र के लिए इस साल का नोबेल प्राइज दो अमेरिकी और एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री को संयुक्त रूप से दिया गया है. इन तीनों ने बेरोजगारी की समस्या पर काम किया है.

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ओस्लो में यहीं होता है नोबेल पर फैसलातस्वीर: AP

रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंस ने कहा है कि अमेरिकी प्रोफेसरों पीटर डायमंड और डेल मॉर्टेन्सन और ब्रिटिश नागरिक क्रिस्टोफर पिसराइड्स को 2010 का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. इन तीनों को एक करोड़ स्वीडिश क्राउन यानी करीब 15 लाख अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे.

इन तीनों अर्थशास्त्रियों ने खरीद बेच की प्रक्रिया का विश्लेषण किया है. इसके अलावा इन्होंने बताया है कि किस तरह नियम और नीतियां खाली पदों और तन्ख्वाहों को प्रभावित करती हैं.

पुरस्कार समिति ने एक बयान में कहा, "बाजार के क्लासिकल नजरिए के मुताबिक खरीददार और विक्रेता एक दूसरे को फौरन खोज लेते हैं. उन्हें इसके लिए कोई कीमत नहीं चुकानी होती और वे सभी चीजों और सेवाओं की सही कीमतों के बारे में जानते हैं. लेकिन ऐसा असल में नहीं होता."

समिति ने कहा कि तीनों अर्थशास्त्रियों के काम ने समझाया है कि क्यों कुछ खरीददारों की मांग पूरी नहीं होती और विक्रेता उतना नहीं बेच पाते जितना वे बेचना चाहते हैं.

अर्थशास्त्रियों के काम की अहमियत समझाते हुए समिति ने कहा, "लेबर मार्किट में इन तीनों का काम हमें यह समझने में मदद करता है कि आर्थिक नीतियां और नियम कानून किस तरह बेरोजगारी, खाली पदों और वेतन पर असर डालते हैं."

अर्थशास्त्र के नोबेल को आधिकारिक तौर पर स्वेरिगेस रिक्सबैंक प्राइज कहा जाता है. यह पुरस्कार एल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. डायनामाइट बनाने वाले नोबेल ने 1895 में जो नोबेल पुरस्कार शुरू किए थे उनमें अर्थशास्त्र का नोबेल शामिल नहीं था. इसे 1968 में शुरू किया गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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