देहात की ओर चले शहरी
जर्मनी में शहरों के लोग रहने के लिए शहर छोड़ देहातों में जाने लगे हैं. मुख्य कारण तो बढ़ता किराया है लेकिन कुछ लोग शांति के भी देहात को प्राथमिकता दे रहे हैं.
बड़े शहर
बर्लिन, हैम्बर्ग और कोलोन जैसे बड़े शहरों से उससे ज्यादा लोग शहर छोड़ रहे हैं जितने नए आ रहे हैं.
देहातों से पलायन
सालों से देहाती इलाकों के पलायन हो रहा था जिसकी वजह से वहां ढांचागत संरचनाएं चरमरा रही थीं.
स्थिति बदली
20 साल बाद पहली बार 2014 में स्थिति बदली और सात सबसे बड़े शहरों से ज्यादा लोग शहर छोड़ गए.
विभिन्न वजहें
शहरी लोगों के पलायन के कई कारण हैं. सबसे बड़ा कारण आर्थिक है. पिछले सालों में किराये तेजी से बढ़े हैं.
शांत माहौल
बहुत से लोग देहातों के शांत माहौल के कारण भी शहर छोड़ रहे हैं ताकि बच्चे शोर शराबे के बिना पल सकें.
आशंकाएं
ज्यादातर लोग शहरों के पास के इलाकों में जा रहे हैं, लेकिन इस रुझान का मतलब शहरीकरण का अंत होगा.
दोहराता इतिहास
1950 के दशक में लोग शहर गए. अगले दो दशकों में वापस लौटे. 90 का दशक शहरों का था तो अब फिर देहातों की बारी है.
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