देवयानी मामले पर तनाव
भारत की राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को न्यू यॉर्क में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंध बदतर होते जा रहे हैं. भारत में इसे लेकर आम जनता में भी आक्रोश है. देखते हैं पूरे मामले को तस्वीरों में.
उप वाणिज्य दूत
1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा अधिकारी देवयानी खोबरागड़े न्यू यॉर्क में कुछ समय से उप वाणिज्य दूत की हैसियत से तैनात हैं. पिछले हफ्ते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. आरोप है कि उन्होंने अपने बच्चों की आया को करार से कम वेतन दिया.
दिल्ली में गुस्सा
इस घटना के बाद भारत के राजनीतिक दलों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि अमेरिका को इस मामले में न सिर्फ अफसोस जताना चाहिए बल्कि माफी भी मांगनी चाहिए.
बार बार का विवाद
भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की भी अमेरिका में तलाशी ली जा चुकी है. लगातार भारतीयों के साथ ऐसे सलूक को लेकर भारत सरकार और जनता दोनों नाराज हैं.
अमेरिका पर दबाव
दिल्ली पुलिस ने अमेरिकी दूतावास के बाहर जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था को अचानक ढीला करने का फैसला किया. हालांकि यह काम यातायात को सुचारू करने के नाम पर किया गया. लेकिन देवयानी मामले के सामने आने के बाद उठाया गया यह कदम साफ संकेत देता है.
हटाए गए बैरिकेड
शांतिपथ पर अमेरिकी दूतावास के इर्द गिर्द कंक्रीट के बैरिकेड लगे थे. ऐसी सुरक्षा किसी और दूतावास को नहीं दी गई थी. दबाव बढ़ाने के सिलसिले में पुलिस ने बुलडोजर का इस्तेमाल करते हुए इन बैरिकेडों को भी हटा दिया.
अच्छा हुआ सलूक
भारतीय मूल के अमेरिकी सरकारी वकील प्रीत भरारा ने दावा किया है कि देवयानी के साथ इतना बुरा बर्ताव भी नहीं हुआ. "उन्हें तो कॉफी भी दी गई और घर पर फोन करने की इजाजत भी."
संसद में बवाल
सभी राजनीतिक दलों ने एकमत से इस घटना की निंदा की जिसके बाद भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को संसद में बयान देना पड़ा "मैं उसे हर कीमत पर भारत लाऊंगा."
नरम पड़ा अमेरिका
भारत ने जब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार किया और संसद में सख्त बयान दिया तो अमेरिका ढीला पड़ा. विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारतीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से फोन पर बात की और अफसोस जताया.
देवयानी का तबादला
विवाद के बाद भारत सरकार ने देवयानी खोबरागड़े को न्यू यॉर्क में ही संयुक्त राष्ट्र के स्थायी भारतीय मिशन में भेज दिया है. वहां देवयानी राजनयिक विशेषाधिकार की हकदार होंगीं.