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दुनिया भोग से अब योग की ओर

१५ अक्टूबर २०१०

भारत में मन की शांति के लिए प्रचलित योग अब दुनिया की दूरी नाप रहा है. अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के तमाम हिस्सों में सेलिब्रिटीज से लेकर आम आदमी को भी योग लुभा रहा है. हो भी क्यों न, सुकून सबकी जरूरत है.

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ईरान में भी योगतस्वीर: DW

मौजूदा दौर की भागमभाग भरी जिंदगी में दिमागी तनाव दुनिया भर में बड़ी समस्या बन कर उभरा है. तनाव से घिरे दिमाग को सुकून देने के लिए भारत में सदियों पहले योग का इजाद किया गया. ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में योग भी भारत से बाहर निकल कर दुनिया भर के लोगों को खूब भा रहा है.

BdT Deutschland Yoga Festival in Berlin
आओ, योग करेंतस्वीर: picture-alliance/ dpa

हर उम्र और हर तबके के लोग योग को दिमागी तनाव दूर भगाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. सेलिब्रिटीज से लेकर आम आदमी और बूढ़ों से लेकर नवजात बच्चे योग की शरण में हैं. हॉलीवुड मूवी ईट, प्रे, लव में योग करती जूलिया रॉबर्टस इसकी सबसे बड़ी बानगी हैं. अमेरिका और यूरोप सहित तमाम देशों में बूढे, जवान और बच्चों से लेकर मॉर्डन लाइफस्टाइल वाले ऐसे लोग भी योग करते दिख जाएंगे जिनके लिए रात के 12 बजे दिन निकलता है और सुबह के 6 बजे शाम होती है.

हालांकि योग को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने के पाछे बाजारवादी ताकतों की अहम भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता. इसी का नतीजा है कि जन्म लेने के साथ ही बच्चे के लिए भी अब योग क्लास मौजूद है. अमेरिका के बाद अब जर्मनी में भी बेबी योग अपने पैर पसार रहा है.

BdT Yoga in der indischen Armee
योग के रास्ते पर भारतीय सेनातस्वीर: AP

बर्लिन में बेबी योग क्लास चलाने वाली कात्या कुनिपात्ज बताती हैं कि लोग अभी इस बारे में ज्यादा तो नहीं जानते लेकिन वे जानने को उत्सुक जरूर हैं. कात्या बताती हैं कि इसमें बच्चे को ओम कहना नहीं सिखाया जाता, बल्कि बच्चे और माता पिता के बीच रिश्ते को मजबूत किया जाता है. यह दोनों के लिए फायदेमंद होता है. एक तरफ मसाज और योग क्रियाओं से बच्चे के शरीर को फायदा होता है वहीं मां के शरीर को प्रसव के बाद आराम भी मिलता है.

इसी तरह युवाओं को तमाम तरह योगासनों के जरिए शरीर को तनाव और से दर्द से निजात दिला या जाता है. क्लास या ऑफिस में गलत तरीके से बैठने के कारण पीठ और गर्दन में दर्द से परेशान नौजवान योग का खूब सहारा ले रहे हैं.

मजे की बात यह है कि योग को अब हेल्थ इंश्योरेंस में भी जगह मिल गई है. हालांकि बेबी योगा को मेडिकल सांइस से मान्यता न मिलने के कारण अभी डॉक्टर मरीजों को इसकी शरण में जाने की सलाह नहीं दे पा रहे हैं. जर्मनी में बाल रोग चिकित्सक संगठन के प्रमुख स्टीफन एस्सर कहते है कि वैज्ञानिक तौर पर योग के नवजात बच्चों के लिए फायदेमंद होने की बात अभी तक साबित नहीं हुई है. इसलिए डॉक्टर इसके बारे में मरीजों को कोई सलाह नहीं देते हैं.

Yoga Guru Baba Ramdev
बाबा रामदेवः योग को बनाया ब्रांडतस्वीर: UNI

वहीं जर्मनी में योगा टीचर एसोसिएशन के प्रमुख डॉरिस हाफनर कहते है कि योग की दिनों दिन बढ़ती लोकप्रियता अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका लाभ उठाने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है. इसके एक जनांदोलन की शक्ल अख्तियार करने के पीछे सबसे बड़ा कारण योग के नित नए तरीकों का इजाद होना है. यही वजह है कि मेडोना, जेनिफर एनिस्टन और रुपहले पर्दे के जेम्स बॉंड डेनियल क्रेग भी योग को चाहने वालों की कतार में हैं.

रिपोर्टः डीपीए/निर्मल

संपादनः ए जमाल

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