दुनिया बदलने वाले पांच जर्मन आविष्कार
कई बार छोटी छोटी चीजों की खोज से कईयों की जिंदगी बदल जाती है. जर्मनी में बनी इन पांच चीजों ने दुनिया भर के लोगों के रोजमर्रा के जीवन को खूब प्रभावित किया है.
कॉफी फिल्टर
कॉफी को छानने वाला एक फिल्टर बनाने का खयाल सन 1908 में जर्मन शहर ड्रेसडेन के एक किचन में पैदा हुआ. पिसी हुई कॉफी को छानने के लिए एक घरेलू महिला मेलिटा बेंट्स ने एक टिन कैन लिया और उसकी तली पर कई छेद करके उसके अंदर बच्चों की स्टेशनरी में आने वाला ब्लॉटिंग पेपर लगा दिया. कॉफी छानने में इस बढ़िया तरीके के काम आने पर उन्होंने इसको अपने नाम पेटेंट भी करवा लिया.
टेप
सन 1896 में जर्मन व्यवसायी और फार्मेसिस्ट ऑस्कर ट्रोप्लोवित्स एक नए तरह का चिपकाने वाला बैंडेज बनाना चाहते थे. उनकी खोज इतनी मजबूत थी कि वह त्वचा को उधेड़ देती. इसलिए उनके उत्पाद को बाजार में पहले साइकिलों के पहिए सील करने और फिर 1936 में एक आम इस्तेमाल के चिपकाने वाले टेप के रूप में लाया गया. इसका नाम था "टेसा" जो कि उनकी सेक्रेटरी एल्सा टेस्मर के नाम पर आधारित था.
एमपी3 फॉर्मेट
जर्मनी के मशहूर फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड सर्किट्स के रिसर्चरों ने सन 1987 में एक ऐसी प्रक्रिया विकसित की, जिससे किसी म्यूजिक फाइल की गुणवत्ता को बिना नुकसान पहुंचाए उसे बहुत छोटे रूप में बदलना संभव था. कुछ ही सालों में इस छोटे रूप एमपी3 फॉर्मेट ने म्यूजिक इंडस्ट्री में क्रांति ला दी. इसी कारण आज स्मार्टफोन में भी सैकड़ों म्यूजिक एलबम स्टोर करना संभव है.
डायनेमो
बिजली के लिए डायनेमो-इलेक्ट्रिक सिद्धांत का पता काफी पहले से था. लेकिन वेर्नेर फॉन सीमेन्स वह पहले इंसान थे जिन्होंने किसी मशीन में इसे आजमाया. सन 1866 में सीमेन्स ने कुंडलित तार और चुंबक की मदद से बिजली बनाई. उस तरह बिजली बनाना ही नहीं उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना भी संभव हुआ. इस तरह सीमेन्स कंपनी एक वैश्विक कॉर्पोरेशन बनी और आज भी इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी है.
कंप्यूटर
इंजीनियर कोनराड सूजे ने 1941 में पहला कंप्यूटर बनाया. जेड3 कहलाने वाली यह मशीन कपड़ों की तीन आलमारियों जितनी बड़ी थी और केवल चार तरह की गणनाएं करने में सक्षम थी. जोड़ के लिए इसे 0.5 सेंकड जबकि सामान्य से गुणे के लिए करीब 3 सेकंड लगते थे. जेड3 बाइनरी नंबर सिस्टम (0 और 1) पर काम करने वाला पहला कंप्यूटर था. इसीलिए इसे सभी आधुनिक कंप्यूटरों का पूर्वज माना जाता है.