दुनिया का शहरीकरण
2007 से दुनिया की जनसंख्या शहरों और गांवों में बराबर बंटी हुई है. लेकिन शहर आस पास के गांवों को निगल रहे हैं और मेगासिटी बन रहे हैं. ऐसे शहर जहां गरीबी और अमीरी आमने सामने है.
टोक्यो
यहां नौ करोड़ लोग रहते हैं. शहर में साढ़े तीन करोड़. यह दुनिया की सबसे बड़ी मेगासिटी है. मंगलवार से हैम्बर्ग में मेगासिटी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फरेंस होने वाली है.
मुंबई
पुराना नाम बॉम्बे, यह भारत की आर्थिक राजधानी है. यूनिवर्सिटियों, नाट्यगृहों, म्यूजियम और बॉलीवुड की दुनिया. लेकिन मुंबई के 40 फीसदी निवासी झुग्गी बस्तियों में रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विभाग के मुताबिक 2015 में यहां की जनसंख्या एक करोड़ 80 लाख से बढ़कर दो करोड़ हो जाएगी.
मेक्सिको सिटी
मेक्सिकन राजधानी समुद्र से 2,300 मीटर ऊपर है. आज यहां एक करोड़ 90 लाख लोग रहते हैं. दो सालों में यह 2.2 करोड़ हो जाएंगे. आधी से ज्यादा जनसंख्या गरीब है और सड़क किनारे रहती है. शहर में पेयजल की कमी और जल निकास प्रबंधन की समस्या है.
साओ पाओलो
ब्राजील की आर्थिक और सांस्कृतिक राजधानी. यहां की जनसंख्या 1.8 करोड़ से दो साल में 2.2 करोड़ हो जाएगी. आस पास के कई छोटे गांव शहर में आ गए. अमीरी, लक्जरी के ठीक सामने गरीबी और झुग्गी बस्तियां हैं.
न्यूयॉर्क
यहां सिर्फ 80 लाख लोग रहते हैं. लेकिन मेट्रोपोलिटन एरिया मिला कर कुल दो करोड़. अमेरिका के पूर्वी तट पर बसा यह महानगर दुनिया का आर्थिक और व्यापारिक केंद्र है. संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय यहीं है.
दिल्ली
दिल्ली मेट्रोपोलिटन इलाका भारत की राजनीति का केंद्र है. इसमें एनसीआर यानी दिल्ली और आसपास के इलाके शामिल हैं. सिर्फ दिल्ली में 1.6 करोड़ लोग रहते और 2015 तक इसके तीन करोड़ होने की उम्मीद है. यहां की 60 फीसदी जनसंख्या असंगठित क्षेत्र से पैसा कमाती है.
शंघाई
पूर्वी चीन का महानगर. यहां के मेट्रोपोलिटन इलाके की जनसंख्या ढाई करोड़ है. मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था में शामिल होने के बाद यह तेजी से बढ़ रहा है. ऊंची इमारतें तो बहुत हैं लेकिन पब्लिक पार्क नहीं के बराबर हैं.
ढाका
बांग्लादेश की राजधानी देश का सबसे बड़ा शहर है. 1.3 करोड़ लोगों के साथ यह देश का आर्थिक और शैक्षणिक केंद्र है. 2015 तक यहां की जनसंख्या लगभग 1.7 करोड़ हो जाएगी. यहां के 40 फीसदी लोग झुग्गियों में रहते हैं.
जकार्ता
इंडोनेशिया की राजधानी में करीब 1.3 करोड़ लोग रहते हैं. दो साल में यह आंकड़ा 1.7 तक पहुंच जाएगा. यह समुद्र से सिर्फ आठ मीटर ऊपर है, इसलिए यहां बाढ़ भी बहुत आती है.
काहिरा
मिस्र की राजधानी अरब दुनिया का अहम महानगर है. यहां आज तो 1.2 करोड़ लोग रहते हैं, लेकिन दो साल में ये 1.3 करोड़ हो जाएंगे. शहर के ऐतिहासिक इलाके बिलकुल बाजार से सटे हुए हैं. महानगर की सबसे बड़ी समस्या घरों की कमी, गरीबी और जनसंख्या है.
लागोस
नाइजीरिया का सबसे बड़ा शहर लागोस. पश्चिमी अफ्रीका के इस शहर में 1.1 करोड़ लोग रहते हैं. दो साल में ये 1.6 करोड़ हो जाएंगे. यहां जनसंख्या का घनत्व बहुत ज्यादा है.कचरा, पेयजल यहां की बड़ी समस्या है.