दीमक की तरह जंगल को चट करते तस्कर
जंगल इतना घना है कि पांच मीटर दूर देखना भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन ऊपर से देखो तो जंगल में जगह जगह अवैध तस्करों की फौज दिखती है. अमेजन के वर्षावन इस संघर्ष के गवाह हैं.
सोने की अवैध खदानें
हवा से ली गई इस तस्वीर में सोने की एक अवैध खदान दिखाई पड़ रही है. ब्राजील में अमेजन के वर्षावनों में बड़ी संख्या में तस्कर मौजूद हैं. सोने की खुदाई के चक्कर में जंगल का बड़ा हिस्सा साफ कर दिया गया है.
पर्यावरण और इंसान के लिए खतरा
अवैध खदानों से सोना निकालने के लिए पारा खूब इस्तेमाल किया जाता है. यह पारा देर सबेर नदियों में घुलता है और जलीय जीवों और इंसानों को बुरी तरह बीमार करता है. अमेजन की कई सहायक नदियों में मछलियों की संख्या लगातार घट रही है. इसका सीधा असर मछलियों पर निर्भर आदिवासियों पर पड़ रहा है.
जानलेवा मुठभेड़ें
ब्राजील के इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरन्मेंट एंड रिन्यूएबल एनर्जी के अधिकारी लंबे समय से तस्करों के पीछे पड़े हैं. लेकिन अधिकारी जब जब जंगलों में घुसते हैं तब तब उन्हें तस्करों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है. गोलीबारी होना आम बात है.
तस्करों के ठिकाने
अवैध खदान में जैसे ही अधिकारी छापा मारते हैं वैसे ही खनिक भागने लगते हैं. जंगल में कई ऐसे ठिकाने बने हैं जहां वो छुपते हैं. अधिकारियों के मुताबिक माफिया अक्सर गरीब परिवारों को लालच देकर खनन के काम में लगाते हैं.
पिसते गरीब खनिक
पर्यावरण अधिकारी खनिकों को निशाना नहीं बनाते हैं. उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता है लेकिन उनसे पूछताछ जरूर होती है. खनिकों के मुताबिक जोखिम भरी परिस्थितियों के बीच वो हर दिन कई घंटे खनन में लगे रहते हैं. सांस के साथ पारा फेफड़ों में जाने से ज्यादातर खनिकों को गंभीर बीमारियां भी हुई हैं.
पिछड़े इलाकों में अमीर माफिया
सोने की अवैध खुदाई करने वाले माफिया जंगल के भीतर बुलडोजर, ऑयल टैंकर, ट्रैक्टर और कई किस्म की मशीनें पहुंचाने में सफल हुए हैं. इन मशीनों को जब्त कर बाहर लाना बहुत महंगा और जोखिम भरा है. यही वजह है कि अधिकारी जब्त मशीनों को आग लगा देते हैं.
धुआं यानि खतरे की घंटी
बड़ी मशीनें जब जलाई जाती हैं तो उनसे गहरा काला धुआं उठता है. यह तरीका भले ही पर्यावरण के लिए अच्छा न हो लेकिन अधिकारियों के पास फिलहाल दूसरा विकल्प नहीं है. गहरा काला धुआं देखकर दूसरे तस्कर भी समझ जाते हैं कि अधिकारी उनकी खदान से कितनी दूरी पर हैं. (रिपोर्ट: क्रिस्टीना बेकर/ओएसजे)