दिल्ली में वायु प्रदूषण पर ऑड-इवेन रूल
२४ दिसम्बर २०१५22 दिसंबर को भारतीय राजधानी में महीनों में तीसरा "कार फ्री डे" मनाया गया. 1 जनवरी से दिल्ली में ऑड-इवेन प्रतिबंध लगाने जा रही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पहली बार सप्ताह के व्यस्त दिन यह प्रयोग किया. 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर ऑड-इवेन नंबर योजना लागू किए जाने की विस्तृत रूपरेखा पेश की.
1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच इस योजना के अंतर्गत एक दिन सम तो अगले दिन केवल विषम अंतिम नंबर वाली कारें ही राजधानी की सड़कों पर चलाने की अनुमति होगी. इस स्कीम से सीएनजी प्रमाणित वाहनों, दोपहिया वाहनों और महिला ड्राइवरों एवं विकलांगों को ले जा रहे वाहनों को बाहर रखा गया है. इसके अतिरिक्त प्रमुख राजनेता, न्यायाधीशों, पुलिस और जेल अधिकारियों एवं बीमारों को ले जा रहे वाहनों को भी छूट मिलेगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारतीय शहरों को रखा है. इस सूची में नई दिल्ली को सबसे प्रदूषित बताया गया. इस 23 दिसंबर को दिल्ली में प्रदूषण का सबसे ऊंचा स्तर रिकॉर्ड हुआ है. दिल्ली में स्मॉग की समस्या को दूर करने के लिए कई नए कदम उठाने की योजना है लेकिन पर्यावरण विशेषज्ञ इन्हें नाकाफी बता रहे हैं.
सरकार अभी भी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करने वाले शक्तिशाली परिवहन उद्योग को लेकर कोई योजना नहीं बना रही. पर्यावरणविद् बताते हैं कि कूड़ों के असुरक्षित निपटारे और निर्माण कार्यों में उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण के नियमों से बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है. विशेषज्ञों का मानना है कि करीब 1.6 करोड़ की आबादी वाले शहर में डीजल कारों पर रोक लगाने, शहर में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर ज्यादा टैक्स लेने, पार्किंग शुल्क में बढ़ोत्तरी और सभी कारों पर वार्षिक कर बढ़ाने जैसे नियम लाने से बड़ा सुधार आएगा.
ऑड-इवेन प्रयोग के दौरान शहर में ट्रैफिक पुलिस के अलावा 10,000 स्वयंसेवी भी चेक प्वाइंटों पर कारों पर नजर रखेंगे. नियम का उल्लंघन करने वालों पर 2,000 रुपए का जुर्माना लगेगा. इसके अलावा सरकार हजारों नई सार्वजनिक बसें चलाने जा रही है. दिल्ली में रोजाना करीब 85 लाख गाड़ियां सड़कों पर होती हैं और करीब 1,400 नई कारें इसमें हर दिन जुड़ती हैं. इस दौरान राजधानी के स्कूल बंद रहेंगे और उनकी स्कूल बसें भी आम जनता के लिए इस्तेमाल की जाएंगी. रोज सुबह 8 से रात के 8 बजे तक लागू रहने वाला यह प्रयोग रविवार को नहीं होगा.
दिल्ली की ही तरह पड़ोसी देश चीन का बीजिंग और कई दूसरे शहर भी भीषण प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं. हाल ही में दो बार वहां "रेड एलर्ट" जारी हुए हैं जिसका अर्थ है कि वायु प्रदूषण की अत्यंत गंभीर स्थिति में राजधानी बीजिंग के सभी निर्माण कार्य रोकने पड़े और स्कूलों को भी बंद करना पड़ा. भविष्य में दिल्ली में भी ऐसे एलर्ट जारी करने की व्यवस्था की जा सकती है लेकिन उसके पहले एयर मॉनिटरिंग के लिए मौजूद 29 स्टेशनों की कार्यप्रणाली को और दुरुस्त करना होगा.