दिल्ली की हवा जहरीली क्यूं
भारत की राजधानी दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन चुकी है. और स्मॉग संकट ने यहां रहने वालों की सेहत के लिए "आपातकाल" की स्थिति पैदा कर दी है. जानिए दिल्ली की दूषित हवा में क्या घुला है.
पीएम2.5 (पर्टिकुलेट मैटर)
स्मॉग में शामिल यह ऐसे सूक्ष्म कण होते हैं जिनके सांस की हवा के साथ शरीर के अंदर जाने से गंभीर ब्रॉन्काइटिस, फेफड़ों का कैंसर और दिल की बीमारियों का खतरा होता है.
दिल्ली की सर्दी
दिल्ली की हवा खराब होने का एक और कारण जाड़ों का ठंडा मौसम है. खासकर दिवाली के त्योहार में लाखों पटाखे फोड़े जाने के बाद से उससे निकलने वाले प्रदूषक पदार्थ इस ठंडी हवा में कैद हो जाते हैं.
धूल और धुआं
राजधानी में पश्चिम की सूखी बंजर धरती की ओर से धूल भरी आंधियां पहुंचती हैं और पास के राज्यों में फसलों की कटाई के बाद बची खुची खूंटी को जलाने वाला धुआं भी.
पहले से ही प्रदूषण में टॉप
2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे में दुनिया के 1,600 से अधिक शहरों की रैंकिंग की गई. इनमें दिल्ली प्रदूषण के मामले में टॉप पर रही. एक अमेरिकी स्टडी के अनुसार विश्व भर में वायु प्रदूषण से होने वाली आधी से अधिक मौतें केवल चीन और भारत में ही होती हैं.
प्रवासी आबादी
दिल्ली के प्रदूषण की ही तरह उसकी आबादी भी बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रही है. हर साल कई लाख नए प्रवासी राजधानी पहुंचते हैं और उनके आने से भी शहर के संसाधनों पर बोझ बढ़ता है.
तेज विकास और निर्माण
विकासशील देश भारत की राजधानी में तेज विकास का सबसे बड़ा उदाहरण रिहायशी और फैक्ट्री वाली इमारतों के निर्माण कार्य में दिखता है. इन निर्माण स्थलों के आसपास धूल का अंबार होता है. इसके अलावा कोयले से चलने वाले बिजली के प्लांट भी हवा में काफी प्रदूषक छोड़ते हैं.
कारें ही कारें
राजधानी के लोगों की क्रय क्षमता बढ़ने के साथ साथ कारों की बिक्री में तेज बढ़ोत्तरी हुई है. हर रात राजधानी की सड़कों पर कम से कम एक करोड़ कारें अपने रास्ते चलती हैं. साथ ही उनसे निकलने वाला धुआं भी दूर तक निकलता है.
पटाखों का शोर और धुआं
दिवाली हो, शादी हो या भारत ने क्रिकेट मैच जीता हो, त्योहारों और ऐसे सभी मौकों पर पटाखे छोड़ने का चलन रहा है. स्मॉग को देखते हुए फिलहाल केवल धार्मिक अवसरों पर ही ऐसा करने की अनुमति है.
डीजल का धुआं
पिछले साल डीलज ट्रकों पर भारी चुंगी लगा दी गई थी. जनवरी में ऑड-इवेन सिस्टम का प्रयोग भी किया गया, जो काफी सफल रहा. अब दिल्ली सरकार सड़कों पर चौराहों में हवा को साफ और सुगंधित करने वाले प्यूरिफायर लगवाने जा रही है.
खेतों की आग
दिल्ली सरकार अब तक पास के राज्यों हरियाणा और पंजाब के लोगों को हर फसल के बाद खेतों में आग लगाने की परंपरा छोड़ने को राजी नहीं करवा पाई है. यह भी दिल्ली के स्मॉग की स्थिति को और खराब कर रही है.