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दिमित्री मेद्वेदेव पहले मध्यपूर्व दौरे पर

१८ जनवरी २०११

रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव पहले मध्यपूर्व दौरे पर जेरीचो पहुंचे हैं जहां उनकी मुलाकात फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से होगी. दोनों नेता मध्यपूर्व शांति वार्ता में आए गतिरोध पर चर्चा करेंगे.

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पहले मध्यपूर्व दौर पर मेद्वेदेवतस्वीर: AP

इस्राएल और फलीस्तीन की शांतिवार्ता में आए गतिरोध को दूर करने के संभावित उपायों पर रूसी राष्ट्रपति बुधवार को जॉर्डन के शाह अब्दुल्लाह से भी अम्मान में चर्चा करेंगे. मेद्वेदेव इस्राएल भी जाने वाले थे लेकिन इस्राएली विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण इस दौरे को टाल दिया गया.

रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेव के पहले मध्यपूर्व दौरे से पहले क्रेमलिन की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "मध्यपूर्व में स्थिरता और शांति लाने की रूस की बुनियादी वचनबद्धता के तहत फलीस्तीनी नेतृत्व से बात होगी." कई बड़े उद्योगपतियों समेत 600 सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल भी मेद्वेदेव के साथ मध्यपूर्व के दौरे पर गया है. वह पश्चिमी तट के जेरिचो शहर में अब्बास से मिलेंगे.

कैसे दूर हो गतिरोध

मेद्वेदेव को रूसी मदद से तैयार एक संग्रहालय का उद्घाटन भी करना है. लेकिन उनके दौरे में खास तौर से चर्चा मध्यपूर्व शांति वार्ता को लेकर ही होगी. पश्चिमी तट और पूर्वी येरुशलम में इस्राएली बस्तियों का निर्माण जारी रहने के कारण मध्यपूर्व शांति वार्ता महीनों से गतिरोध का शिकार है. रूस मध्यपूर्व शांति प्रक्रिया को लेकर बने चार पक्षीय समूह का सदस्य है. इसके अन्य सदस्यों में अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं. अगले महीने म्यूनिख में होने वाले सुरक्षा सम्मेलन के दौरान चार पक्षीय मध्यपूर्व समूह की बैठक भी होनी है जिसमें गतिरोध को तोड़ने के लिए नए सिरे से कोशिश होगी.

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इस्राएली बस्तियों के बसने से बातचीत में गतिरोधतस्वीर: AP

इस्राएल और फलीस्तीन के बीच सीधी बातचीत पिछले साल सितंबर में शुरू हुई लेकिन चंद हफ्तों पर टूट गई क्योंकि पश्चिमी तट पर इस्राएली बस्तियों के निर्माण पर लगी रोक की समयसीमा खत्म हो गई. इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू ने इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया. फलीस्तीन का कहना है कि इस्राएली बस्तियों का निर्माण जारी रहने तक वह किसी तरह की बात नहीं करेगा. फलीस्तीनी इस जमीन पर अपना अलग राष्ट्र बनाना चाहता है. इस्राएली बस्तियों के निर्माण पर रोक के लिए अमेरिकी कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं.

हम मसीहा नहीं

राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वदेव के विदेश नीति सलाहकार सर्गेई प्रिखोदको का कहना है कि रूस यह बिल्कुल नहीं मानता है कि वह अकेले मध्यपूर्व शांतिवार्ता को बहाल करा सकता है. वह कहते हैं, "यह एक बड़ी बाधा होगी. हम खुद को मसीहा नहीं समझते हैं. हम इस बारे में जिम्मेदारी से काम करना चाहते हैं और यह सबकी जिम्मेदारी है." पिछली बार किसी रूसी राष्ट्रपति ने 2005 में पश्चिमी तट का दौरा किया. तत्कालीन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फिलहाल देश के प्रधानमंत्री हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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