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दांत नकली हो तो ऑपरेशन से पहले डॉक्टर को जरूर बताइए

१३ अगस्त २०१९

यह कहानी है 72 साल के एक रिटायर हो चुके इलेक्ट्रिशियन की. यह शख्स अपने सर्जन को यह बताना भूल गया कि उसका जबड़ा नकली है. इस गलती का नतीजा क्या हुआ यह जान लेंगे तो कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे.

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Symbolfoto Chirurgie in Großbritannien
तस्वीर: picture-alliance/empics/R. Vieira

ब्रिटेन के इस मरीज के पेट में एक गांठ थी जिसे निकालने के लिए ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के छह दिन बाद मरीज फिर आपातकालीन वार्ड में पहंचा. उसने बताया कि उसके मुंह से खून आ रहा है और उसे कुछ निगलने में दिक्कत हो रही है. दर्द इतना ज्यादा है कि वह कुछ ठोस खा नहीं पा रहा. डॉक्टरों ने देखा कि उसके फेफड़ों में पहले भी दिक्कत होती रही है तो उन्होंने सांस से जुड़े संक्रमण का अंदाजा लगाया. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक डॉक्टरों ने उसे माउथवॉश का इस्तेमाल करने की सलाह दी और कुछ एंटीबायटिक दे कर वापस भेज दिया.

दो दिन बाद ही मरीज फिर अस्पताल पहुंच गया यह कहते हुए कि उसकी समस्या और बढ़ गई है और अब वह दवा भी नहीं खा पा रहा है. यारमूथ के यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल एनएचएस में आंख, कान और गला के सर्जन हैरियट कुनिफे का कहना है, "उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी खास तौर पर लेटे हुए." डॉक्टर ने एक तरह के न्यूमोनिया का संदेह जताया जो खाना या फिर पेट के अम्ल के फेफड़ों में चले जाने की वजह से हो जाता है. इसके बाद मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कर लिया गया.

Indien Reportage Straßen-Zahnärzte
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran

उसके बाद उसकी नेजेएंडोस्कोपी की गई. इसमें एक फाइबर ऑप्टिक कैमरा एक नली के सिरे पर लगा होता है इसे नाक के रास्ते शरीर के अंदर जाला डाता है. कैमरे ने दिखाया कि एक अर्धचंद्राकार चीज उसकी स्वर नलियों को घेरे खड़ी है. कुनिफे बताते हैं, "जब मरीज को इस बारे में जानकारी दी गई तो उसने कहा कि उसका नकली जबड़ा आठ दिन पहले सर्जरी के बाद से नहीं मिल रहा है. इसमें एक धातु की प्लेट और तीन सामने के दांत थे." फिर जबड़े को सर्जरी से निकाला गया और छह दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिली. मुमकिन है कि आपको ऐसी घटना दुर्लभ लगे लेकिन सच्चाई ऐसी नहीं है. जर्नल के मुताबिक बीते 15 सालों में केवल ब्रिटेन में इस तरह के 83 मामले हो चुके हैं.

बहरहाल इसके बाद उस मरीज का क्या हुआ. यहीं उसकी कहानी पूरी नहीं हुई. अस्पताल से छूटने के एक हफ्ते बाद उसे फिर वापस आना पड़ा क्योंकि रक्तस्राव बहुत ज्यादा हो रहा है. वह दस दिन बाद ही अस्पताल फिर आया. जब वह पांचवी बार अस्पताल पहुंचा तो उसके शरीर में खून चढ़ाया गया. इसके बाद छठी बार वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने पाया कि उसकी एक धमनी टूट फूट गई थी और फिर एक और आपातकालीन सर्जरी हुई और तब उसकी दिक्कतों का पूरी तरह से निवारण हुआ.

मरीज की गलती बस इतनी थी कि वह यह बताना भूल गया था कि उसके मुंह में नकली जबड़ा है. डॉक्टरों के पास भी कई दलीलें हैं कि उन्हें इसका पता लगाने में इतना वक्त क्यों लगा पर यह कहानी जानने वाले इनसे कुछ सीख जरूर सकते हैं.

एनआर/आरपी (एएफपी)